देवेगौडा परिवार संकट के दौर में

लेखक : लोकपाल सेठी

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक 

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री तथा जनता दल (स) सुप्रीमो एच.डी. देवेगौडा का परिवार इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है। उनके पोते प्रज्वल रेवन्ना को एक महिला के साथ बलात्कार के मामले में उमर कैद की सजा हुई है। उनके खिलाफ बलात्कार तथा यौन उत्पीड़न के कुल तीन मामले चल रहे थे। अभी उनको एक मामले में सजा हुई है जबकि दो अन्य मामलों में सुनवाई अभी चल रही है। प्रज्वल अपने परिवार की लोकसभा सीट हासन से 2019 में निर्वाचित हुए था। जब यह मामले दर्ज हुए वह उस समय लोकसभा का सदस्य था इसलिए यह मामला निर्वाचित प्रतिनिधियों के अपराध के मामलों के लिए गठित विशेष अदालत में चल रहा था। देवेगौडा के दो पुत्र है। बड़े पुत्र एच.डी. रेवन्ना तथा छोटे पुत्र एच. डी कुमारस्वामी हैं। रेवन्ना एक से अधिक बार विधायक रहे है। एक साझा सरकार में वे मंत्री के पद पर भी आसीन रहे है। कुमारस्वामी दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे है। 2024 का लोकसभा चुनाव जनता दल (स) ने बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था। इसमें  कुमारस्वामी जीते तथा उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया। 

प्रज्वल एच डी, रेवन्ना का  बड़ा  पुत्र है। उनको राजनीति लाने  के लिए उनके दादा ने हासन सीट अपने  इस पोते के लिए छोड़ दी थी। उस समय प्रज्वल की उमर  मात्र 29 वर्ष थी। 

महिलायों को लेकर सीनियर देवेगोड़ा के दोनों पुत्र विवादों के घेरे में  रहे है। शादीशुदा  कुमारस्वामी के एक फिल्म अभिनेत्री से संबंध रहे है तथा उससे उनकी एक पुत्री  भी है। रेवन्ना के खिलाफ घर में काम करने वाली एक महिला  के यौन उत्पीडन  का मामला भी दर्ज हुआ था। 

प्रज्वल ने इंजीनियरिंग की पढाई की है तथा लेकिन कोई नौकरी करने की बजाये उसने राजनीति में आना तय किया। परिवार के लोगों का कहना है कि वह बचपन से ही मनमौजी स्वभाव का था। 

सांसद बनाने के बाद उसने शहर में ही अपना कार्यालय बनाया जहाँ वह उनके पास आने वाले लोगों से मिलाता था। इस मकान में एक बड़ा हाल है तथा  कुछ कमरे है। आरोपों के अनुसार उसने बलात्कार यहीं किये थे। उनका सबसे बड़ा विश्वास पात्र उनका ड्राईवर कार्तिक था, जो पिछले 15 वर्ष से इस परिवार के साथ काम कर रहा था। वह युवा प्रज्वल का एक बड़ा राजदार था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों से कुछ पहले जमीन के  एक टुकड़े को लेकर उन दोनों में  विवाद हो गया। उसने या तो स्वयं नौकरी छोड़ दी यह फिर उसको नौकरी से निकला दिया गया। 

2024 के लोकसभा चुनावों से चार पांच महीने पहले हासन में कुछ फोटो और वीडियो वायरल हुए। इनमें  प्रज्वल कुछ महिलायों के साथ अश्लील मुद्रा में  नज़र आ रहा था। बताया जाता  है कि ड्राईवर कार्तिक ने इन् फोटो और वीडियो की पेन ड्राइव बीजेपी के कुछ नेताओं को उपलब्ध करवाईं थी तथा उन्होने हलोकसभा चनावों,जिसमें प्रज्वल फिर इसी क्षेत्र  से फिर पार्टी के  उम्मीदवार थे, से कुछ पहले इन फोटो और वीडिओ को वायरल कर दिया। अप्रैल के महीने  में जब यहाँ मतदान हो चुका था। प्रज्वल तुरंत जर्मनी चला गया। तब तक यह साफ हो गया था कि उनके खिलाफ कभी भी मामला दर्ज हो सकता है और उन्हें गरिफ्तार किया जा सकता है। वहां से वह अग्रिम जमानत लेने का कोशिश कर रहा था। लेकिन अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया  

8 मई, 2024 को अधेड़ उमर की एक महिला, जो देवेगौडा परिवार के फार्म हाउस में काम करती थी, ने पुलिस में यह  शिकायत की  कि प्रज्वल, जो अभी  अविवाहित है,  2022 से उनके साथ बलात्कार करता आ  रहा है। वह इसकी वीडिओ भी बना लेता था तथा उसको  ब्लैकमेल कर रहा था। इसके बाद यह बात सामने आई कि प्रज्वल  के मोबाइल  में  लगभग 2000 महिलायों के फोटो तथा 48  वीडिओ है। 

मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की कारवाई  शुरू कर दी। वह तब वापिस लौटने के लिए तैयार हुआ जब उसके दादा ने सलाह दी कि वह वापिस आकर  कानूनी कारवाई का सामना करे। वह पिछले साल जब वह 31 मई बंगलुरु लौटा तो उसे हवाई अड्डे पर ही गरिफ्तार कर लिया गया। मामले की जाँच शुरू हुई और तथा उसके के खिलाफ एक हज़ार से अधिक  पन्नो की चार्ज शीट दाखिल गयी। मामले की दैनिक सुनवाई हुई और न्यायालय ने उनको उमर कैद की सजा दी. इसके साथ पीडिता को 11 लाख रूपये मुयावाज़े के रूप में देने का निदेश भी  दिया। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)