दूसरों की मदद करें

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हमारी भारतीय संस्कृति में दान, पुण्य, गरीबों की मदद, परोपकार की भावना का बहुत महत्व है, इस कलयुग में लोगों की संवेदनशीलता खत्म होती जा रही है। लेकिन अगर आप हर वक्त किसी की मदद करने का भाव रखते हैं तो निश्चय ही ईश्वर भी हर वक्त आपकी मदद करने को आपके साथ खड़ा रहता है। ईश्वर स्वयं कहते हैं कि दया, दूसरों की मदद, परोपकार और विनम्रता मेरी सच्ची भक्ति है।                         

इसके दो उदाहरण देखिए। इसका दूसरा पहलू यह है कि हमारे देश की प्रशासनिक व्यवस्था में कितना भ्रष्टाचार है। यह किसी से भी छिपा नहीं है कोई भी विभाग भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है किसी भी विभाग के अधिकारी आम जनता की परेशानी को नहीं समझते हैं। उनका काम समय पर नहीं करते हैं। फाइल को लेनदेन के बिना आगे नहीं पहुंचाते हैं। लेकिन विगत दिनों पुलिस प्रशासन से मेरे दो-तीन काम पड़े। मेरे फोन  पर लगातार 3 दिन से एक अनजान नंबर से कॉल आ रही थी। मैंने कोतवाली में सूचना दी उसका जवाब मिला- मैडम आप यहां आकर लिखित शिकायत दर्ज करवाइए।  अपने फोन में उस नंबर को ब्लॉक कर दीजिए। मैंने कहा -मैं तो ब्लॉक कर दूंगी। मैं आने में असमर्थ हूं लेकिन वह व्यक्ति मुझे अकेले को तो फोन नहीं कर रहा होगा बहुत से लोगों  को कर रहा होगा कोई न कोई तो ठगा जाएगा। उसके बाद उन्होंने मेरी ऑनलाइन शिकायत दर्ज की। साइबर क्राइम ब्रांच में फोन किया। साइबर सेल से मेरे मोबाइल पर ओटीपी आई। लेकिन मैं इस बात से अनजान थी। कोतवाली से फोन आया ओटीपी भेजिए। इस पूरी कार्रवाई के 1 घंटे बाद वापस फोन आया कि वह नंबर फ्रॉड था। साइबर सेल ने ब्लॉक कर दिया है मुझे इस बात की खुशी थी कि कोई भी व्यक्ति ठगी से बच गए। सबसे प्रशंसनीय बात यह थी कि कोतवाली वालों ने मेरा पूरा सहयोग किया। 

दूसरा उदाहरण देखिए मेरा फोन दो-तीन दिन से हैक हो रहा था और मैं बहुत परेशान थी मैंने कोतवाली में फोन किया उन्होंने मुझे साइबर थाने के मोबाइल नंबर दिए मैंने उस पर कॉल किया उधर से जवाब आया मैडम आप अपना फोन लेकर साइबर थाने में आए। मैंने कहा =मैडम में अस्वस्थ हूं। डॉक्टर ने बेड रेस्ट के लिए कहा हैं। यह सुनते ही उधर से जवाब आया- आप चिंता मत करिए हम कल आपके घर पर आकर मोबाइल को चेक कर लेंगे और वाकई दूसरे दिन आकर उन्होंने मेरा मोबाइल चेक किया। मेरे को सारा सिस्टम बताया। अब भविष्य में मुझे साइबर थाने में नहीं जाना पड़ेगा। साइबर क्राइम विभाग की घर आकर मोबाइल चेक करने की ड्यूटी में शामिल नहीं है। 

आश्चर्यजनक पहलू यह है कि सबसे कठोर और भ्रष्ट विभाग माने जाने वाला पुलिस प्रशासन और साइबर क्राइम विभाग ने मेरा इतना सहयोग किया। निजी अनुभव यह है कि मैं अपनी क्षमता के अनुसार सबकी मदद के लिए हर वक्त तत्पर रहती हूँ। इसलिए इतनी बड़ी दो समस्याएं घर बैठे हल हो गई पुलिस प्रशासन व साइबर क्राइम विभाग का बहुत-बहुत आभार। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)

लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।