15 अगस्त स्वंत्रता दिवस पर विशेष
लेखक : वेदव्यास
लेखक साहित्य मनीषी एवं वरिष्ठ पत्रकार हैं
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स्वाधीन देश का गान सुनो,
सैनिक-मजदूर-किसान सुनो।
भारत का गौरव अमर रहे,
ऐसा इतिहास महान बनो।
परिभाषा के स्वर बदल रहे,
ये समय नये अभियानों का,
संकल्पों की इस बेला में,
फिर मंत्र लिखो बलिदानों का,
आजाद देश की आन सुनो,
नव पीढ़ी का जयगान सुनो।
भारत का गौरव अमर रहे,
ऐसा इतिहास महान बनो।।
ऋतुओं के चक्र नहीं ठहरे,
अरमानों के दिन आये हैं,
भारतमाता के चरणों में,
उपहार सृजन के लाये हैं,
उत्तर-दक्षिण का गान सुनो,
पूरब-पश्चिम की शान सुनो।
भारत का गौरव अमर रहे,
ऐसा इतिहास महान बनो।।
उज्जवल है भारत का भविष्य,
परिवर्तन है मन का वर्तमान,
सब नई दिशा के अन्वेषी,
बाहर भीतर से एक प्राण,
परिचय का नया विधान सुनो,
आगे बढ़ते इंसान सुनो।
भारत का गौरव अमर रहे,
ऐसा इतिहास महान बनो।