रिटायरमेंट के प्रति भारतीयों का वर्तमान रवैया है बदल रहा है

www.daylife.page 

मुंबई। अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण मील के पत्थरों में से एक रिटायरमेंट के प्रति भारतीयों का वर्तमान रवैया है बदल रहा है और उनके लिए अब "रिटायरमेंट एक विराम है, एक पड़ाव नहीं,". यह खुलासा रिटायरमेंट योजना के प्रति लोगों के दृष्टिकोण को समझने के लिए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के एक अध्ययन में हुआ जिसका शीर्षक था "क्या भारत रिटायरमेंट के लिए तैयार है?"

निष्कर्ष बताते हैं कि रिटायरमेंट को एक ऐसे समय के रूप में सकारात्मक रूप से देखा जाता है जो संभावनाओं से भरा हुआ है। इसे एक ऐसे समय के रूप में देखा जाता है जब कोई नई शुरुआत कर सकता है और अपनी इच्छानुसार जीवन जी सकता है। बड़ी संख्या में लोग इसे मेंटेनेंस, अपग्रेडेशन और विकास के चरण के रूप में देखते हैं। जैसा कि 83% उत्तरदाताओं (respondents) ने संकेत दिया है कि रिटायरमेंट के बाद भी वर्तमान जीवन शैली को जारी रखना उनकी टॉप प्रायोरिटी है। हर पांच में से तीन उत्तरदाताओं कहा कि उनके रिटायरमेंट लक्ष्यों में जीवन का आनंद लेना, दोस्तों के साथ जुड़े रहना, विदेश यात्रा करना, आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करना और अपने जीवन के इस नए अध्याय में मन की शांति (peace of mind) शामिल है।

हालांकि रिटायरमेंट का फेज उत्तरदाताओं के बीच सकारात्मक भावनाओं को जगाता है, साथ ही वे अपने जीवन के नए अध्याय की योजना बनाते समय महंगाई और बढ़ते चिकित्सा खर्चों को भी ध्यान में रखते हैं। कुछ लोगों ने महसूस किया कि यह उनके जीवन स्तर को प्रभावित कर सकता है। सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से दो-तिहाई से अधिक ने बताया कि महंगाई को लेकर वे चिंतित हैं जो उनकी रिटायरमेंट सेविंग को प्रभावित करता है और जिससे उनकी लाइफस्टाइल भी प्रभावित होगी। साथ ही 67% उत्तरदाताओं ने अपनी रिटायरमेंट के दौरान एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित होने पर चिकित्सा खर्चों का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त रिटायरमेंट फंड की जरूरत बताई.

वर्तमान में, कुल आय का 11% रिटायरमेंट से जुड़ी सेविंग्स की ओर जाता है। सर्वेक्षण से पता चलता है कि उत्तरदाता रिटायरमेंट के लिए औसत 65.4 लाख रुपये के फंड को आदर्श मानते हैं। रिटायरमेंट के लिए तैयार होने के लिए, व्यक्ति उन प्रोडक्ट्स के महत्व को पहचान रहे हैं जिसमें जोखिम नहीं हैं और जीवन के लिए गारंटीशुदा रिटर्न प्रदान करते हैं, जैसे कि एन्युटी प्लान। एन्युटी प्लान विशेष रूप से रिटायरमेंट के लिए डिज़ाइन की गई है और यह उनके साथ साथ उनके जीवनसाथी के लिए नियमित जीवन भर की इनकम प्रदान करती हैं। सर्वेक्षण में 65% उत्तरदाताओं के बीच एन्युटी प्लान में निवेश करने में रुचि का भी पता चला है जिन्होंने अब तक एन्युटी प्लान में निवेश नहीं किया है।

दिलचस्प बात यह है कि अध्ययन में खुलासा हुआ है कि एक ऐसा वर्ग है जो पहले से ही आर्थिक रूप से स्वतंत्र सेवानिवृत्त जीवन जीने के लिए तैयार है। वे 40 वर्ष के होने से पहले ही रिटायरमेंट के लिए निवेश करना शुरू कर देते हैं और अपनी आय का औसतन 17% रिटायरमेंट के लिए अलग रख देते हैं। वे मुख्य रूप से एनपीएस और रिटायरमेंट या एन्युटी प्लान में सावधि जमा के अलावा, रिटायरमेंट के लिए तैयार होने के लिए निवेश करते हैं।

दुबे ने कहा, "हमारे शोध में हमने पाया कि ज्यादा से ज्यादा लोग अब रिटायरमेंट को अपनी हॉबी का पता लगाने, अपने पैशन को जीने, और परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के अवसर के रूप में देख रहे हैं। रिटायरमेंट योजना एक लंबी अवधि की प्रक्रिया है, इसलिए व्यक्तियों को इस लक्ष्य के लिए जितनी जल्दी हो सके बचत करना शुरू कर देना चाहिए। इससे उन्हें जीवन भर पर्याप्त नियमित आय अर्जित करने में मदद मिलेगी।"

अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 65% लोगों ने अपनी रिटायरमेंट योजना प्रक्रिया के हिस्से के रूप में एन्युटी प्लान्स में निवेश करने का इरादा व्यक्त किया। इसके विपरीत, केवल 32% उत्तरदाताओं ने वास्तव में एन्युटी प्लान में निवेश किया है, जो रिटायरमेंट योजना में अंतर को उजागर करता है।

देश के सबसे बड़े पेंशन और एन्युटी प्रोवाइडर्स में से एक के रूप में, हम ग्राहकों की विभिन्न आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्ट्स को तैयार करने का प्रयास करते हैं। इस अध्ययन के माध्यम से, हमने रिटायरमेंट योजना के लिए ग्राहकों के दृष्टिकोण को समझा और ऐसे उत्पाद तैयार किये जो उनकी रिटायरमेंट आवश्यकताओं को उपयुक्त रूप से पूरा करते हैं। इनमें जीवन भर के लिए गारंटीशुदा आय, स्वास्थ्य संबंधी लाभ और नियमित प्रीमियम का भुगतान करने की सुविधा शामिल है। यह एक स्थायी संस्थान के निर्माण के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है जो ग्राहकों की सुरक्षा और दीर्घकालिक बचत आवश्यकताओं को संवेदनशीलता के साथ पूरा करता है।