जन-जन की यही पुकार सांभर को जिले का दर्जा दे सरकार

जयपुर के शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। सांभर को जिला घोषित करवाने के लिए वर्ष 1952 से लगातार चल रही मांग आज भी सरकार के समक्ष विचाराधीन है। सांभर को जिला घोषित करवाने के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष निवर्तमान मुख्य मंत्रियों सहित वर्तमान प्रदेश के मुखिया वह नवीन जिला बनाओ कमेटी के अध्यक्ष को अनेक दफा प्रतिवेदन सौंपकर पुरजोर तरीके से सांभर का पक्ष रखा गया लेकिन सरकार की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिल रहा है, जबकि 70 साल की अवधि में निवर्तमान सरकाऱों की ओर से प्रदेश में दौसा, बारां, प्रतापगढ़, राजसमंद नवीन जिले घोषित किए गए लेकिन राजस्थान का सबसे पुराना उपखंड सांभर की उपेक्षा ही बरती गई है। 

उल्लेखनीय है कि बीते वर्षों में सांभर को जिला घोषित करवाने के लिए विस्तृत विवरण के साथ सरकार के समक्ष गुहार लगाई गई लेकिन राजनीतिक प्रेशर का अभाव सांभर के हमेशा ही आड़े आता रहा है। बता दें कि वर्ष 2012 में बार एसोसिएशन सांभर लेक की ओर से उठाई गई आवाज का समर्थन करते हुए तत्कालीन जयपुर ग्रामीण सांसद  व पंचायत राज मंत्री लालचंद कटारिया, क्षेत्रीय विधायक निर्मल कुमावत सहित अनेक ग्राम पंचायतों के सरपंचों व सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों की ओर से सांभर के पक्ष में लिखित में अभिशंषा भिजवाई गई थी। 

इसके पश्चात वर्तमान में भी सांभर को जिला घोषित करवाने के लिए उठाई गई मांग का समर्थन करते हुए फुलेरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक पद के उम्मीदवार रहे विद्याधर चौधरी व वर्तमान विधायक निर्मल कुमावत ने भी मांग का समर्थन करते हुए सरकार से सांभर को जिला घोषित करवाने के लिए अनुरोध किया है। इसी संदर्भ में जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक विवेक शर्मा, नेता प्रतिपक्ष अनिल कुमार गट्टानी के नेतृत्व में शुक्रवार को काफी तादाद में लोग जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। इस मौके पर अनेक जनप्रतिनिधि सहित आमजन की मौजूदगी रही।