सांभर में पक्षी रेस्क्यू करने, संरक्षण व संवर्धन के तरीके बताएं

वन सेवा के अधिकारियों के लिए लगाया प्रशिक्षण शिविर 

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। राजस्थान वन सेवा के नवनियुक्त अधिकारियों के लिए वन प्रशिक्षण संस्थान जयपुर की ओर से राजस्थान भर में नवनियुक्त सहायक वन संरक्षक और कुछ जिलों में कार्यरत उप वन संरक्षक के लिए पक्षी रेस्क्यू करने के तरीके उनके संरक्षण संवर्धन और विभिन्न प्रकार की आपदाओं के लिए एक प्रशिक्षण शिविर झीलों की नगरी सांभर में लगाया गया। 

प्रशिक्षण संस्थान के उप वन संरक्षक ने इस अवसर पर नवागंतुक प्रशिक्षणार्थियों को इस अवसर पर रैपटर और प्रवासी पक्षियों रेस्क्यू के लिए आयोजित इस प्रशिक्षण में वन्यजीव विशेषज्ञ द्वारा किस प्रकार आपदा ग्रस्त पक्षियों को रेस्क्यू किया जाना है और किस प्रकार घायल पक्षियों को इस आपदा से सुरक्षित रखने के उपाय बताएं तथा यहां पैदा होने वाली एल्गी जो प्रवासी पक्षियों का मुख्य भोजन से आकर्षित होती हे के बारे में बताया। प्रवासी पक्षियों कि इस समय होने वाली प्रजातियों से सभी प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया और बताया कि जय पक्षी कितने समय के लिए आते हैं और यहां पर इनकी क्या दिनचर्या रहती है। सहायक वन संरक्षक द्वारा सांभर साल्ट लेक की संरचना और यहां पर आने वाले पक्षियों के विषय में प्रशिक्षणार्थियों को बताया गया सांभर साल्ट की तरफ से सांभर में निर्मित नमक पैदा करने की प्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। कचरोदा नर्सरी फुलेरा में  2019 में हुई पक्षी त्रासदी की प्रदर्शनी का प्रदर्शन किया गया।