राज्य मंत्रिमंडल की बैठक
राजस्थान ग्रामीण पर्यटन नीति लागू
मंत्रिमंडल में राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022 का अनुमोदन
बीकानेर में मिनी फूड पार्क स्थापित करने के लिए 57.01 बीघा भूमि आवंटन
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई। इसमें राज्य कार्मिकों को पदोन्नति के अधिक अवसर देने, राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा देने, राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम में संशोधन, राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति के प्रस्ताव पर अनुमोदन सहित कई अहम निर्णय लिए गए हैं।
राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022 का अनुमोदन
मंत्रिमंडल ने राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022 का अनुमोदन किया है। बजट घोषणा वर्ष 2022-23 की पालना में तैयार योजना से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित की जाने वाली पर्यटन इकाईयों यथा ग्रामीण गेस्ट हाउस, कृषि पर्यटन इकाई, कैम्पिंग साइट, कैरावेन पार्क की स्थापना से गांवों में रोजगार सृजित होंगे और ग्रामीण हस्तशिल्प को संरक्षण मिलेगा। वहीं, देशी-विदेशी पर्यटक राजस्थान की ग्रामीण संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे।
योजना के अंतर्गत ग्रामीण पर्यटन इकाईयों की स्थापना एवं संचालन के प्रावधानों में, इकाईयां 15 फीट चौड़ी सड़क पर न्यूनतम 1000 वर्गमीटर एवं अधिकतम 2 हैक्टेयर कृषि भूमि पर अनुमत होंगी। इन इकाईयों को भू-संपरिवर्तन एवं बिल्डिंग प्लान अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। इनमें स्टाम्प ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट सहित कई प्रावधान किए गए हैं।
राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022 का अनुमोदन
मंत्रिमंडल बैठक में ‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022’ का अनुमोदन किया गया। नीति के अंतर्गत 50 वर्ग फीट प्रति व्यक्ति की न्यूनतम जगह के साथ छत उपलब्ध कराने, महिलाओं, मानसिक रूप से विक्षिप्तों एवं बीमारों जैसे विशेष श्रेणी के लोगों को समुचित निजता एवं सुरक्षा उपलब्ध करवाए जाने संबंधी प्रावधान किए गए हैं। साथ ही, नीति में पेयजल, चिकित्सा सुविधा, पर्याप्त अग्नि सुरक्षा उपाय जैसी मूलभूत आवश्यकताएं भी उपलब्ध करवाए जाने एवं बेघर व्यक्तियों के लिए शेल्टर्स गृह का संचालन करने सहित विभिन्न प्रावधान हैं। इस निर्णय से बेघरों को शिक्षा, कौशल एवं रोजगार उपलब्ध करवाया जाकर सशक्त बनाया जाएगा।
राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम में संशोधन
मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम, 1988 में संशोधन का बड़ा फैसला लिया है। इससे राज्य की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) श्रेणीवार आरक्षण प्राप्त होगा। इस संशोधन से अनुसूचित जाति/जनजाति के भूतपूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। साथ ही पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों (भूतपूर्व सैनिकों के अलावा) का भी सम्यक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि भूतपूर्व सैनिकों की वर्तमान भर्ती नियमों में भर्ती उपरांत, उनका समायोजन उनसे संबंधित श्रेणी में किया जाता है। इस व्यवस्था से भूतपूर्व सैनिकों के अपनी श्रेणी में समायोजित होने के कारण अनुसूचित जाति/जनजाति के भूतपूर्व सैनिकों का चयन कम हो पा रहा है। साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के लिए निर्धारित आरक्षण उपरांत चयनित अभ्यर्थियों के अपने वर्ग में समायोजित हो जाने के कारण कुछ भर्तियों में पिछड़ा वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जो भूतपूर्व सैनिक नहीं हैं, का भी समुचित प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है। भूतपूर्व सैनिकों को वर्तमान में मिल रही आयु में छूट व न्यूनतम अंकों में छूट का लाभ भी मिलता रहेगा। साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के किसी भर्ती के रिक्त पद के विरूद्ध रिक्तियां एक भर्ती वर्ष तक अग्रेषित (कैरी फॉरवर्ड) की जाती रहेगी।
राजस्थान कम्प्यूटर राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 1992 में संशोधन
मंत्रिमंडल में राजस्थान कम्प्यूटर राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 1992 की अनुसूची-1 में संशोधन किया गया। इसके अनुसार, प्रोग्रामर के पद पर नियुक्ति हेतु 50 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा 50 प्रतिशत पदोन्नति के वर्तमान प्रावधान को संशोधित कर 40 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा 60 प्रतिशत पदोन्नति से किया जा सकेगा। इससे सेवारत कार्मिकों को पदोन्नति के अधिक अवसर मिलेंगे।
राजस्थान वाणिज्यिक कर अधीनस्थ सेवा (सामान्य शाखा) नियम, 1975 में संशोधन
मंत्रिमंडल में राजस्थान वाणिज्यिक कर अधीनस्थ सेवा (सामान्य शाखा) नियम, 1975 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इसके अंतर्गत कर सहायक से कनिष्ठ वाणिज्यिक कर अधिकारी के पद पर पदोन्नति का कोटा 37.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 87.5 प्रतिशत किया गया है। इस निर्णय से कर सहायक के पद पर कार्यरत कार्मिकों को पदोन्नति का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन
मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इस संशोधन के अंतर्गत राजस्थान अभियोजन सेवा में संयुक्त निदेशक के नवीन पद का सृजन, राजस्थान अभियोजन सेवा में अतिरिक्त निदेशक पद का पे-लेवल एल-20 से एल-21 तथा राजस्थान मोटर गैराज सेवा में मुख्य अधीक्षक के नवीन पद (पे-लेवल एल-17) का सृजन किया जाएगा। इससे राजस्थान अभियोजन सेवा तथा राजस्थान मोटर गैराज सेवा के अधिकारियों को अतिरिक्त पदोन्नति का अवसर मिल सकेगा।
विधि विज्ञान सेवा नियम एवं अधीनस्थ सेवा नियम में संशोधन
मंत्रिमंडल ने राज्य विधि विज्ञान सेवा नियम, 1979 एवं राज्य विधि विज्ञान अधीनस्थ सेवा नियम, 1980 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की है। राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला हेतु सेवा नियमों में विभिन्न पदों के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यताओं में परिवर्तन किये जाने के लिए अनुमोदन किया गया। इससे प्रयोगशाला के सभी खण्डों में विभिन्न न्यूनतम शैक्षिक योग्यताओं के अंतर्गत विभिन्न नवीन विषयों एवं पाठ्यक्रमों की डिग्रियों को सम्मिलित करने से विविध क्षेत्रों से अधिक योग्य अभ्यर्थी उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही, विभिन्न फोरेंसिक जांच के अत्याधुनिक उपकरणों के उचित रखरखाव व सुचारू उपयोग के दृष्टिगत कम्प्यूटर योग्यता वाले कार्मिकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
अंग्रेजी माध्यम शिक्षकों के संवर्ग के गठन का मार्ग होगा प्रशस्त
मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में कार्मिकों की नियुक्ति के लिए विशेष चयन और सेवा की विशेष शर्तें) नियम-2022 को स्वीकृति प्रदान की है। इस स्वीकृति से राज्य के विद्यार्थियों को उनके परिवेश में ही अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करने के लिए अंग्रेजी माध्यम के दक्ष शिक्षकों को इन विद्यालयों में सीधे ही पदस्थापित किया जा सकेगा।
साथ ही, विभाग में कार्यरत वांछित पात्रता रखने वाले शिक्षक, जिनकी अंग्रेजी भाषा संप्रेषण कौशल में प्रवीणता है, आवेदन कर सकेंगे। विभिन्न चयन समितियां साक्षात्कार के माध्यम से चयन करेंगी। इससे वर्तमान शिक्षक संवर्ग के तहत ही अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों के संवर्ग के गठन का मार्ग प्रशस्त होगा।
कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों का बढ़ा वेतन
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष को अब 2,04,000 रूपये और सदस्यों को 1,90,400 रूपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा। इसके लिए मंत्रिमंडल ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड नियम, 2014 संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। वर्तमान में बोर्ड नियम 2014 के नियम-9 के अंतर्गत 7वें वेतनमान के अनुरूप बोर्ड के अध्यक्ष को 1,92,750 रूपये (निर्धारित) प्रतिमाह एवं सदस्यगणों को 1,79,900 रूपये (निर्धारित) प्रतिमाह वेतन भुगतान का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा सातवें वेतनमान के अनुरूप निर्धारित वेतन से आर्थिक नुकसान होने से इसे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत अनुसार उचित नहीं मानकर बढ़ाने का आग्रह किया गया था।
बीकानेर में मिनी फूड पार्क के लिए भूमि आवंटन को स्वीकृति
मंत्रिमंडल ने बीकानेर जिला मुख्यालय पर मिनी फूड पार्क स्थापित किए जाने के लिए 57.01 बीघा भूमि आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। आवश्यक भूमि क्षेत्र की चक 496 आर.डी. (एल) के मु.नं. 134/39, 134/46, व 134/47 में भूमि मंडी समिति, बीकानेर को डीएलसी दर पर आवंटित की जाएगी। इस मंजूरी से कृषकों, व्यवसायियों, उपभोक्ताओं को कृषि जिंसों एवं उनके प्रोसेस्ड उत्पादों के व्यवसाय एवं निर्यात में सहायता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट में बीकानेर में मिनी फूड पार्क स्थापित करने की घोषणा की थी।
राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता विकास समिति का होगा गठन
मंत्रिमंडल बैठक में राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता विकास समिति के गठन को स्वीकृति दी गई है। साथ ही, समिति के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन तथा आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन का भी अनुमोदन किया गया। इस निर्णय से राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता विकास परियोजना का सुचारू संचालन एवं क्रियान्वयन हो सकेगा।
राजस्थान पर्यटन पर एक्सेल समूह बनाएगा लघु फिल्म
मंत्रिमंडल ने राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाओं और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मैसर्स एक्सेल मीडिया एंटरटेनमेंट एलएलपी, मुम्बई द्वारा लघु फिल्म निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस समूह द्वारा जिस तरह से ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा‘ और ‘दिल चाहता है‘ फिल्मों में पर्यटन स्थलों को आकर्षक एवं कलात्मकता के साथ फिल्माया गया था, उसी तरह अब राजस्थान के पर्यटन स्थलों को लेकर भी लघु फिल्म का निर्माण किया जाएगा।
चौधरी स्व. श्री खरताराम के नाम पर राजकीय महाविद्यालय भणियाणा का नामकरण
मंत्रिमंडल ने जैसलमेर जिला स्थित राजकीय महाविद्यालय भणियाणा का नामकरण चौधरी स्व. श्री खरताराम राजकीय महाविद्यालय, भणियाणा करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। नामकरण होने से स्थानीय जनभावना का सम्मान हो सकेगा। (DIPR)