राजस्थान के शिक्षा क्षेत्र में बढ़ते कदम

लेखक : डॉ. सत्यनारायण सिंह

(लेखक रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी है)

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राजस्थान राज्य पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में बुलन्दियां छू रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशलतम नेतृत्व एवं शिक्षा से रोशनी की दूरदर्शी सोच के साथ आज प्रदेश शैक्षणिक गतिविधियों में बेहतरीन प्रदर्शन कर अग्रणी राज्यों में शुमार है। विभिन्न उपलब्धियों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नवाचारों, नीतिगत निर्णयों, प्रगतिशील कार्यक्रमों, योजनाओं के सुदृढ़ क्रियान्वयन से राजस्थान वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ऊंचाइयां छू रहा है। 

स्कूली शिक्षा में देशभर में अच्छा प्रदर्शन करते हुए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के परफार्मेंस ग्रेडिंग में राजस्थान नं. 1 रैंकिंग हासिल की है। फिट इण्डिया मूवमेन्ट में भी प्रदेश अव्वल रहते हुए प्रथम स्थान पर रहा है। इन्स्पायर अवार्ड योजना में भी राजस्थान देश में पहले स्थान पर रहा है। शैक्षिक स्थिति के आकलन हेतु आयोजित एनएएस 2021 में राज्य की उपलब्धि राष्ट्रीय स्तर से अधिक रही। 

विद्यार्थियों के समग्र विकास एवं सहज प्रतिभा प्रदर्शन, सीखने की प्रक्रिया रूचिकर एवं भयमुक्त हो, इसके लिए शनिवार को बिना बैग एवं पुस्तकों के विद्यालयों में अधिगम को तरजीह दी गई। राजकीय विद्यालयो में अंग्रेजी माध्यम का वातावरण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर इन विद्यालयों को स्थापित करने का निर्णय लिया। वर्ष 2019-20 में प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर इनका सफलतापूर्वक संचालन आरम्भ किया गया और वर्ष 2020-21 में 172 ब्लाक मुख्यालयों पर भी ये विद्यालय संचालित किए जा रहे है। कस्बों/गांवों में भी राजकीय विद्यालय प्रारम्भ करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिनमें से 533 विद्यालय एवं शहरी क्षेत्र के 11 विद्यालय रूपान्तरित किए जा चुके है। 

4 मॉडल स्कूलों में बालिका छात्रावास एवं 4 नवीन केजीबीवी का निर्माण किया गया। 66 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की स्थापना के तहत सत्र 2020-21 हेतु चयनीत 22 ब्लाकों में से 19 ब्लाकों में छात्रावास निर्माण हेतु वित्तीय स्वीकृति जारी की गई। सत्र 2021-22 के लिये चयनित 23 ब्लाकों में भूमि आवंटन। महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने तथा जन सामान्य में पढ़ने की रूचि बढ़ाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग के माध्यम से पूर्व में संचालित 8869 महात्मा गांधी पुस्तकालयों को बढ़ाकर 14970 किया जाने की प्रक्रिया जारी है। 11341 महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं वाचनालयों के संचालन के आदेश जारी किये जा चुके है। 2244 बालिकाओं को 19.55 करोड़ रूपये के इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार प्रदान किये गये। बालिका प्रोत्साहन योजना में 1.86 बालिकाओं को 93.15 करोड़ रूपये की प्रोत्साहन राशिन प्रदान की गई है।  

कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों में करियर के प्रति जागरूकता, विषय चयन, रोजगार के अवसरों की जानकारी एवं क्षेत्र के साथ-साथ वैष्विक परिदृष्य में हो रहे बदलावों की जानकारी के लिए राजीव गांधी करियर गाइडेंस पोर्टल संचालित किया जा रहा है। बच्चों में हाइजीन और स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए प्रदेश के 2 हजार 400 राजकीय विद्यालयों में स्कूल हाइजीन एज्यूकेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इससे विद्यार्थियों में हाइजैनिक वातावरण एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व अभियान के रूप में जनजागृति की दिशा में सकाराज्मक प्रयास किए जा रहे है। कोविड-19 के दौरान मिड डे मील के रूप में 66 लाख से अधिक विद्यार्थियों को विद्यालय स्तर पर दाल, तेल, मसाले के काम्बो पैकेट्स आदि उपलब्ध कराये गए जिन्हें अभिभावकों द्वारा भी सराहा गया है। 

राज्य के 1 हजार 101 शिक्षकों को सम्मानित करने का प्रावधान किया गया है। स्मार्ट कक्षाओं एवं आईसीटी लैब्स का विस्तार जारी है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के सहयोग से राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय सर्वश्रेष्ठ विद्यालय पुरस्कार योजना की शुरूआत की गई जिसके अन्तर्गत राज्य स्तर पर 6 विद्यालय, जिला स्तर पर 66 विद्यालय एवं ब्लाक स्तर पर 301 विद्यालयों को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’’ कार्यक्रम लान्च किया है। कोरोना महामारी के कारण हुए लर्निंग लॉस को पूरा करने के लिए शिक्षा सत्र 2022-23 में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए रेमेडिएशन कार्यक्रम ‘‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़तें कदम’’ शुरू किया जा रहा है। कोरोना काल में छोटे बच्चों की शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुई है। सरकार द्वारा शिक्षा जारी रखने के लिए किए गए डिजिटल नवाचारों के बावजूद दूर दराज के क्षेत्रो के बच्चे शिक्षा से जुड़ नहीं पा रहे थे। ब्रिज कोर्स का मुख्य उद्देश्य इन बच्चों का शैक्षणिक स्तर वर्तमान कक्षा के अनुरूप लाना है। इससे उन्हें भविष्य में तकलीफ नहीं आएगी। (लेखक का अपना अध्ययन, लेखन एवं अपने विचार हैं)