प्रकाश चपलोत जैन
भीलवाडा। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा जारी किये गयें आदेशों के उपरांत भी भीलवाड़ा जिले में जिला कलेक्ट्रेट सहित अन्य विभागों में कार्य व्यवस्थार्थ के नाम पर अधिनस्थ कर्मचारियों को लगाने का खेल पिछले कई महिनो से चल रहा है। इस खेल के पीछे जिले के आला अधिकारी भी मूकदर्शक बने हुए है। अधीनस्थ कर्मचारियों की पहुंच के चलते अधिकारी उन्हे मूल विभाग में भेजने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमंत गेरा ने अपने आदेश क्रमांक प.2(5) कार्मिक/क-2/अं.प्र./89 पार्ट दिनांक 10 जनवरी 2022 को जारी आदेशों के तहत सख्त निर्देश दिये कि स्टेनो कैडर के पदो पर कार्य व्यवस्थार्थ पर पदस्थापित चल रहे अन्य केडर के कार्मिकों को हटाकर उन्हें उनके मूल विभाग/मूल पद पर ही लगाया जायें। साथ ही उन्होने यह निर्देश दिये कि कार्य व्यवस्था के आधार पर किसी भी प्रकार से पदस्थापन नियुक्ति नहीं की जायें।
फिर भी भीलवाड़ा जिले में कलेक्ट्रेट सहित अन्य विभागों में दर्जनों कर्मचारियों को कार्य व्यवस्थार्थ के नाम पर लगा रखा है। जिला कलेक्ट्रेट परिसर में तो कई कर्मचारी लिपिक वर्ग के होते हुए भी आला अधिकारियों के निजी सचिव तक के पद पर लगे हुए है। कुछ कर्मचारी संगठनों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं प्रमुख शासन सचिव को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि भीलवाड़ा में स्टेनो संवर्ग के कार्मिको की उपलब्धता होने के बाद भी उन्हे अन्य विभागो में नियमों के विपरित लगा रखा है। जहां उनकी उपयोगिता का समुचित उपयोग नहीं हो रहा है।