गहलोत का जादू अथवा उत्कृष्ट प्रबन्धन

लेखक : डॉ. सत्यनारायण सिंह

(लेखक रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी हैं)

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राजस्थान के जनप्रिय मुख्य मंत्री अशोक गहलोत  विद्यार्थी जीवन से ही रचनात्मक व सृजनात्मक गविधियों से जुडे़ रहे हैं तथा गाँधी वादी, समाज सुधारक, साहित्यकार व विभिन्न क्षेत्रों के विशष्ठजनों से उनका निकट का संवाद रहा है।  राजनीति में जुड़ने के साथ असीम श्रद्धाभाव से देश के  महान पुरूषों, राजनेताओं व काँग्रेस नेताओं के निकट सम्पर्क व साथ में रह कर राजनीति की व पूर्ण संवेदनशीलता, मृदूलता, सहजता व दूरदृष्टि से राजनीति में जादूगर , उत्कृष्ठ प्रबन्धक बनने के लिए उन्होंने राजनीति व प्रबन्धन के प्रथम अक्षर ‘क‘ को जीवन में उतार कर पूर्ण दृढ़ ईच्छा शक्ति  व विचार शक्ति के साथ राजनीति में कदम बढाया इसीलिए देश की प्रतिष्ठित पत्रिका  ’’इण्डिया टू डे ‘‘ ने उन्हें सबसे सफल मुख्य मंत्री घोषित किया था।

सफल प्रबन्धन, पूर्ण अध्ययन व स्थितियों-परिस्थितियों की जानकारी कर राजनीति व प्रबन्धन ‘‘अक्षर क‘‘ के सिद्धांतों के अनुसार स्पष्ट निर्णय किया जाये, यानि क्या करना है ?  इसी निर्णय के साथ निर्णय हो, कैसे करना है ?, तीसरा प्रमुख निर्णय कौन करेगा? और अंत में देखना है, क्या हुआ ? यदि पूर्ण से वांछित रिजल्ट नहीं मिला तो क्या कमी रही , कैसे दूर करनी है ? राजनीतिज्ञ व प्रबन्धक यदि इस प्रकार स्पष्टता के साथ आगे बढ़ता है तो अवश्य ही सफलता मिलती है। इस प्रकार सफल राजनीतिज्ञ व सफल प्रबन्धक  को जादूगर कहना उसका राष्ट्रीय कद बढ़ाना है। 

अशोक गहलोत जड़ों से जुड़े, गाँधी वादी विचारधारा के करीब, खासे अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। उनके जीवन पर गाँधी, विनोबा भावे, ज्योतिराव फूले आदि के व्यक्तित्व का गहरा प्रभाव है। प्रदेश काँग्रेस अध्यक्ष, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, सांसद, केन्द्रीय मंत्री, तीन बार मुख्य मंत्री बने श्री गहलोत एक साफ छवी के व्यक्ति हैं। 

अशोक गहलोत मुख्य मंत्री होने से पहले सादा जीवन उच्च विचार की धारणा पर चलने वाले सादगीपूर्ण छवि के एक अच्छे इंशान हैं। उनका व्यक्तिव्व ही ऐसा है जो लोगों पर जरूर असर डालता है। वो जिससे भी मिलते हैं आत्मियता से मिलते हैं। आडम्बर से पूर्णतया दूर। हिंसात्मक प्रवृति के पूर्ण विरोधी, हर समस्या का समाधान अंहिंसात्मकरूप में, वार्तालाप व सद्भाव व लोगों की उच्च प्रवृति में तलाशते हैं। साम्प्रदायिकता का विरोध करते हैं। इनके फैसलों में जनहित शामिल होता है। इसलिए जनता के मुख्यमंत्री कहलाते हैं। गरीब, असहाय, निम्न व निर्धन तबके के बारे में वो दिल से फैसलें लेते हैं। वे संवेदनशीलता के साथ पक्षपात रहित, पारदर्शी शासन देना चाहते हैं। जनता के प्रति उत्तरदायित्व को भली भंति समझते हैं। 

‘‘हर घर को अनाज, कच्ची बस्तियों व आबादियों को पट्टे, किसानों की कर्ज माफी, वृद्ध, निःशक्त, विधवा, परित्यकता महिलाओं को निःशुल्क जाँचे, दवा व विशेष पेंशन योजना, जननी सुरक्षा, वृद्ध तीर्थ यात्री योजना, निःशुल्क यातायात, से जुडे उनके फैसले देश में एक मिसाल हैं। उनका कोई भी फैसला अभिजात्यवर्ग से जुड़ा नहीं होता, वे सदैव जनहित को ध्यान में रखते हैं। 

मुख्य मंत्री होते हुए गहलोत ऐसे जननेता हैं जिनसे कोई भी व्यक्ति मिल सकता है। सुनवाई के साथ तुरंत समाधान, कार्यवाही, राहत के निर्देश देते हैं। अधिक भीड़ हो तो मुख्य गेट पर खड़े होकर सबकी सुनकर प्रार्थना पत्र लेकर मिलने  आने वालों को एहसास कराते हैं कि मुख्य मंत्री ने उनकी पूर्ण तल्लीनता से सुनी, उसे सन्तुष्टी मिलती है। 

यह सही है कि वे सबकी चिन्ता करते हैं, सबकी परवाह करते हैं, सबके बारे में सोचते हैं। उसकी प्रतिभा, निष्ठा, मेहनत, ईमानदारी व बड़प्पन का खयाल रखते हैं। बीमार परिचित, राजनैतिक कार्यकर्ता, पत्रकार, प्रशासनिक व न्यायिक अधिकारी, विरोधी पक्ष के नेता से घर पर जाकर मिलने, सुख दुःख में मिलने जाने पर प्रोटोकॉल आड़े नहीं आता। 

राजस्थान में पत्रकारों को उनकी जन सेवाओं के मद्देनजर जितना अधिक लाभ व सहायता अशोक गहलोत ने प्रदान की, सम्भवतया किसी भी मुख्य मंत्री के शासन में नहीं मिली, पेंशन, इलाज, आवास आदि।  शहीदों के परिवारों के प्रति भी विशेष ध्यान रखते हैं। कारगिल युद्ध के दौरान शहीदों के परिवारों को अपने स्मृति चिन्हों की विक्रय कर प्राप्त राशि बांटी गयी। पुलवामा घटना में शहीद जवानों के परिजनों 50 लाख नकद, इंदिरा गाँधी नहर परियोजना क्षेत्र में 25 बीघा जमीन या 25 लाख रूपये, शहीद के माता पिता को 3 लाख रूपये की साविधि राशि, आश्रित को नौकरी एवं बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृति सरकार ने प्रदान की । 

राजस्थान के पॉच बड़ों और अधिकांश मुख्य मंत्रियों, वरिष्ठ राजनीतिज्ञों के साथ कार्य करने का मेरा सौभाग्य रहा है। मैने वर्तमान मुख्य मंत्री को भी नजदीक से देखा है व पाया है कि वे मानवीय संवेदनाओं से भरे हैं । सम्पूर्ण प्रदेश की जनता के बीच उनकी एक मिलनसार और कुशल नेता के रूप में छवी है। गहलोत की राजनीतिक छवि और  प्रबन्धन कुशलता का लाभ काँग्रेस को मिल रहा है। मुख्य मंत्री के रूप में जन अपेक्षाओं को पूरा करते रहते है व प्रदेश की राजनीति में विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को  जातीय समीकरणों को देखते और  समझते रहे हैं। वे जिससे मिलते है आत्मीयता और भावनात्मकरूप से मिलते हैं।

अनेक वरिष्ठ न्यायाधिपतियों, वरिष्ठ पत्रकारों ने गहलोत को लोकतांत्रिक व्यक्तित्व का धनी, प्रबन्ध के जादूगर, मानवीय संवेदनाओं से भरा राजनीति का माननीय चेहरा, विकास के लिए प्रतिवध्द्ध, विकास व परिवर्तन की सूझबूझ वाला स्वच्छ राजनीतिज्ञ की संज्ञा दी है। 

समाज के किसी भी वर्ग के दुःख को देखकर दुःखी होते हैं, उनके बारे में चिंतित रहते हैं, राहत पहुॅचाने का प्रयत्न करते हैं। प्रथम शासन के समय अकाल के समय पानी के टेंकरों की ट्रेन चलवायी। प्रत्येक परिवार को मुफ्त अनाज की बोरियां दी गईं।  वे मन वचन कर्म से जनता से जुडे हैं जनता के मुख्य मंत्री हैं जन नायक हैं। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)