महिला उद्यमिता और नेतृत्व का प्रतीक : शीला रजक

इंदौर की पहली क्षेत्रीय जनसंपर्क महिला संस्थापिका शीला रजक को मिला विशेष सम्मान 'एमपी अचीवर्स अवार्ड 2025'

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इंदौर। इंदौर में आयोजित “एमपी अचीवर्स अवार्ड 2025” समारोह में मध्यप्रदेश की जानी-मानी हस्तियों को उनके सामाजिक योगदान और उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए – श्री कैलाश विजयवर्गीय (कैबिनेट मंत्री, म.प्र.), श्री पुष्यमित्र भार्गव (महापौर), श्रीमती दीप्ति हाडा (भाजपा कार्यकर्ता एवं समाजसेविका), श्री प्रतीक त्रिवेदी (वरिष्ठ पत्रकार), श्री तुलसी सिलावट (कैबिनेट मंत्री, म.प्र.) और श्री संतोष सिंह (चेयरमैन, डीएचएल इंफ्राबुल्स) प्रवीण कुमार खारीवाल ,अध्यक्ष, स्टेट प्रेस क्लब मध्यप्रदेश।

इस भव्य समारोह में शीला रजक को सम्मानित किया गया, जो इंदौर (मध्यप्रदेश) की पहली क्षेत्रीय जनसंपर्क महिला संस्थापिका हैं। उन्होंने पिछले 12 वर्षों में कठिन संघर्ष और कड़ी मेहनत से न केवल इंदौर से शुरुआत की बल्कि आज पूरे भारत में जनसंपर्क और मीडिया रणनीति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है।

इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, शीला रजक – संस्थापिका (रेप्युटेशन क्राफ्टर्स) ने कहा – एक छोटे से विचार से शुरू हुआ यह सफर आज एक बड़ी पहचान बन चुका है। रेप्युटेशन क्राफ्टर्स केवल एक कंपनी नहीं, बल्कि एक यात्रा है। जब मैंने यह सफ़र शुरू किया था, तो मेरा बस एक ही सपना था – भारत के हर कोने से सच्ची कहानियाँ बताना और लोगों व ब्रांड्स के बीच ईमानदार, सार्थक रिश्ते बनाना। यह गहराई से सुनने, ध्यान से बोलने और खासकर उनके सबसे मुश्किल समय में खड़े रहने के बारे में है। हर प्रेस विज्ञप्ति, हर हेडलाइन, पर्दे के पीछे का हर पल – यह सब मायने रखता है। और मुझे इस बात पर गर्व है कि हम इतनी दूर आ गए हैं। मेरी टीम, मेरे ग्राहक, मेरे मार्गदर्शक – हम पर विश्वास करने के लिए आपका धन्यवाद।

सामाजिक सरोकारों में योगदान

शीला रजक का दृष्टिकोण केवल व्यावसायिक संचालन तक सीमित नहीं है। वे सामाजिक कार्यों और पर्यावरणीय पहल में भी सक्रिय भागीदारी निभाती हैं। शहर के कई सामाजिक संस्थानों, एनजीओ और वृद्धाश्रमों में उनका सहयोग रहा है। समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की मदद और उनके साथ खड़े रहने का जज़्बा हमेशा प्रेरणादायक रहा है। एक छोटे से विचार से शुरू हुई यात्रा आज रेप्युटेशन क्राफ्टर्स को भारत में विश्वास, नवाचार और निरंतरता का प्रतीक बना चुकी है। यह सम्मान न सिर्फ शीला रजक की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि मध्यप्रदेश और पूरे भारत की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।