अनुभूति : डॉ. सुधा गुप्ता अमृता

 कविता

लेखिका : डॉ. सुधा गुप्ता अमृता

हृदय पढ़ लेता है

जब मन की भाषा 

अनुभूति उसी क्षण

मचल जाती है 

अनुभूति के आईने में 

उभरती है तस्वीर

बात करती है

उम्र से उम्र

गुड्डे गुड़ियों के खेल से

प्रारंभ यात्रा तलाशती है जीवन में कई रंग....

संवारती है 

सुधारती है 

बनाती है ढेर सारी तस्वीरें कभी अपनी 

कभी चाहतों की...