लेखक : ज्ञानेन्द्र रावत
लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद हैं।
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भारत की सशस्त्र सेनाओं द्वारा बीती 6-7 मई की रात आपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में कोटली स्थित लश्कर ए तैयबा का मुख्यालय 'अब्बास कैंप' व गुलपुर कैंप और बहावलपुर स्थित जैश ए मोहम्मद के मुख्यालय सहित मुजफ्फराबाद का सवाई नाला व श्येदना बेलाल कैंप, सियालकोट का सरजल कैंप,भीमबेर का बरनाला कैंप,बहाबलपुर का मरकज सुभान कैंप, मुरीदके का मरकज तैयबा और सियालकोट का मेहमूना जोया कैंप सहित कुल नौ आतंकी ठिकानों को मिसाइल हमले में नेस्तनाबूद किये जाने की सर्वत्र सराहना हो रही है। ये नौ आतंकी ठिकाने मुख्यतः आतंकियों को हथियार चलाने, विस्फोट करने,जंगल वारफेयर और जंगलों में लम्बे समय तक बने रहने की तकनीक सिखाने, भारत में घुसपैठ करने, हथियारों का बडे़ पैमाने पर भंडारण करने,आत्मघाती दस्तों को विशेष ट्रेनिंग देने, गुरिल्ला वार व एयरबेस पर हमलों के लिए दस्ते तैयार करने, उन्हें नयी-नयी तकनीक से लैस करने और नये आतंकियों की भर्ती करने के लिए कुख्यात रहे हैं। गौरतलब है कि भारत के इस 25 मिनट चले मिसाइल हमले में आतंकी ठिकानों के साथ 31 दहशतगर्द और उनके 70 समर्थक मारे गये हैं। मारे गये दहशतगर्दों में कुख्यात आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के दस लोग भी शामिल हैं।
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भारतीय मिसाइल हमले में ध्वस्त पाकिस्तान में मुरिदके स्थित मदरसा |
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पाकिस्तान में मुरिदके स्थित भारतीय मिसाइल हमले में खंडहर बना भवन जहां आतंकियों का ट्रेनिंग कैम्प चलाया जाता था |
असलियत में ऐसा करके भारत ने दुनिया के सामने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब बहुत हो गया। अब भारत वह देश नहीं रहा है जो अपने ऊपर हुए हमले को चुपचाप सहन कर ले। बीती 22 मई को कश्मीर में पहलगाम में हुए पर्यटकों के नरमेघ के बाद भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने ऐसा कारनामा कर दिखाया जैसा इससे पहले कभी नहीं हुआ था। ऐसा कर उसने यह संकेत दे दिया है कि अब जेहाद के नामपर इंसानों को बहशी दरिंदों के रूप में तब्दील किये जाने वाली फैक्ट्रियों के जारी रहने के दिन लद गये। अब आतंकी कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। वे कहीं भी रहें,उनपर कार्यवाही का विकल्प खुला हुआ है। भारत सरकार के एक आला अधिकारी ने खुलासा कर दिया है कि भारत ने यह कार्यवाही अमेरिका और इजरायल की तर्ज पर कर यह दिखा दिया है कि भविष्य में भी वह ऐसी कार्यवाही करने से नहीं हिचकेंगे। भले इस कार्यवाही में कुछ आतंकी आका बच गये हों लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उनको नहीं बख्शेंगीं। जब-जब भारत की सुरक्षा को खतरा होगा, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही जरूर की जायेगी। आतंकियों को ढूंढ-ढूंढकर मारा जायेगा। आपरेशन सिंदूर को आखिरी नहीं माना जाना चाहिए।
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पाकिस्तान में मंगलवार को आतंकी कैंपों पर मिसाइल हमले के बाद बुधवार को नयी दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी, विदेश सचिव विक्रम मिसरी व विंग कमांडर व्योमिका सिंह। |
पाकिस्तान अब भी नहीं मानता और उसने आतंकी गतिविधियों को आने वाले समय में जारी रखा और आतंकी शिविरों के जरिये घुसपैठ व आतंकी गतिविधियों को जारी रखा तो ऐसी कार्यवाही फिर कहीं भी और कभी भी की जायेगी। यह भी सच है कि अब देश सीमाओं और देश की सुरक्षा के मामले में कोई कोताही बरतेगा। प्रधानमंत्री मोदी भी स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी कीमत पर आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे। पीओके के आतंकी शिविरों पर भारतीय सेनाओं की मिसाइल कार्वाही देश के लिए गर्व का विषय है। भारत ने आपरेशन सिंदूर के माध्यम से सिंदूर की रक्षा की कसम निभाई है़। गौरतलब है कि इस बार की यह कार्यवाही पहले से न सिर्फ बडी़ थी,बल्कि भारत ने समूची दुनिया को पाकिस्तान की करतूतें दिखाने के लिए सबूत भी पेश किये और सभी नौ हमलों के वीडियो भी जारी किए। पहलगाम में जिस प्रकार से पर्यटकों से धर्म पूछकर उनकी पत्नी,बच्चों और परिजनों के सामने उनके सिरपर गोली मारी गयी।कपडे़ उतरवाये गये, उसे देखा जाये तो यह हमला पहले के आतंकी हमलों से ज्यादा बर्बर था। हकीकत में यह ऐसा हमला था जिसमें मुंबई हमले के बाद सर्वाधिक लोग मारे गये।
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भारतीय मिसाइल हमले में मारे गये आतंकियों व उनके समर्थकों के शवों को ताबूत में ले जाते पाक सुरक्षा बलों के जवान। |
पाकिस्तान के इन आतंकी शिविरों पर भारतीय मिसाइल हमले के बाद देश के समस्त राजनीतिक दलों ने राजनीति से ऊपर उठकर सरकार और सेनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की है, देश में जश्न का माहौल है,वहीं पहलगाम पीडि़तों के परिवारों ने जहां राहत की सांस ली है,देश की सशस्त्र सेनाओं की सराहना की है,वहीं यह भी कहा है कि नफरत फैलाने वाले आतंकवादियों को जीने का अधिकार नहीं है। जिन लोगों ने मासूमों की जान ली है,उन्हें कडी़ से कडी़ सजा मिलनी ही चाहिए। सरकार और सेनाओं को यह सुनिश्चित करना होगा। सेना की इस कार्यवाही से पहलगाम के मृतकों की आत्मा को शांति मिली है। साथ ही पाकिस्तान इस बाबत भले कुछ भी बयानबाजी करे,असलियत में विश्व समुदाय के समक्ष उसका आतंकी चेहरा उजागर हो चुका है।
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बहावलपुर में भारतीय मिसाइल हमले में मारे गये आतंकियों के ताबूत में रखे शव। |
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गुलाम कश्मीर में भारतीय मिसाइल हमले में ध्वस्त मदरसा सभी फोटो : साभार एएफपी, रायटर व एपी |
पाक के आंतरिक हालात इसके जीते जागते सबूत हैं। पाकिस्तानी पत्रकार आफताब इकबाल का पाकिस्तानियों द्वारा भारतीय विमान गिराने का सबूत देने की मांग और इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल अजीज गाजी का वह बयान जिसमें पाकिस्तान की ऐसी बर्बर कार्यवाहियों का वहां मौजूद नमाजियों द्वारा समर्थन के सवाल पर मौन पाकिस्तान की हकीकत बयां करने के लिए काफी है। हकीकत में आज का दिन सुरक्षा बलों के शौर्य को,भारत सरकार के धैर्य, कुशल रणनीति, सैन्य रणनीतिकारों और राष्ट्रीय एकता को सलाम करने का दिन है। यह साबित करता है कि भारत एक है, एक था और एक रहेगा। दुनिया की कोई भी विघटनकारी ताकत देश की एकता-अखंडता को खंडित नहीं कर सकती। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)