इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी से जुड़ी सभी सामग्री उपलब्ध है दिनभर यही सब कुछ देखते रहने से मनो मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है व नशे की लत लग जाती है। युवा पीढ़ी भ्रमित हो रही है। आधी अधूरी समझ के कारण यौन संबंध बनाने को उत्सुक रहते हैं। इसकी पूर्ति के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं। यह बड़ी भयावह स्थिति है। इससे इन बच्चों का पूरा भविष्य अंधकारमय हो जाता है। बच्चों और महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध व दुष्कर्म की घटनाए इंटरनेट पर उपलब्ध पोर्नोग्राफी सामग्री है।
पोर्नोग्राफी एक वायरस की तरह काम करता है और पूरे समाज को प्रभावित करता है। केंद्र सरकार गंभीरता से विचार करें कि हमारे देश की संस्कृति व समाज पर इसका कितना नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। सरकार को इस पर सख्त रोक लगानी होगी। मोबाइल दैनिक जीवन का आवश्यक अंग बन गया है उस पर रोक नहीं लगाई जा सकती क्योंकि आजकल शिक्षा भी ऑनलाइन होती है तो बच्चों को भी मोबाइल देना ही पड़ता है।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।