ये राजस्थान है! -वेदव्यास

 30 मार्च राजस्थान दिवस पर विशेष गीत

लेखक : वेदव्यास

लेखक वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार हैं

www.daylife.page 

अमन और चैन की धरती

विजय-बलिदान की धरती

ये राजस्थान है।

यहां हर द्वार पर श्रम का सवेरा मुस्कराता है

नये निर्माण का सपना सृजन के गीत गाता है

यहां हर जिंदगी में जागरण का भोर आया है

नये विश्वास ने सहकार से जीना सिखाया है

ये राजस्थान है।

यहां हर खेत और खलिहान नवयुग की कहानी है

चढ़ाने के लिए निज रक्त आतुर हर जवानी है

यहां कल कारखानों में अतुल फौलाद ढलता है

नये मरूदेश में विश्वास का सूरज निकलता है

ये राजस्थान है।

यहां गांधी-जवाहर ने नई मंजिल बताई है

हमारी चेतना सद्भाव के पुष्कर नहाई है

यहां इंसान में इंसानियत का पुण्य पलता है

नये अभियान का जयगीत कंठों में मचलता है

ये राजस्थान है।

समय सम्मान की धरती

नई पहचान की धरती

ये राजस्थान है।

(लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)