अभिभावक व अध्यापक परीक्षा को लेकर अनावश्यक दबाव नहीं डालें। सबसे ज्यादा जरूरी यह जानना है कि विद्यार्थी का रुझान किस विषय की तरफ है। अभिभावक अपनी महत्वाकांक्षा बच्चों पर नहीं थोपे। परीक्षा के दिनों में ऐसा माहौल नहीं बनाएं की परीक्षा कोई सजा है। बच्चों को अपने स्तर पर सहज रूप से प्रयास करने दे। अनावश्यक टोका-टोकी नहीं करे। किसी दूसरे विद्यार्थी से उसकी तुलना नहीं करें। इससे बच्चों में हीन भावना आती है । उसकी क्षमता के अनुसार उसको पढ़ने दे। परीक्षा को सहजता से लिया जाए। मनोरंजन भी जरूरी है कुछ समय के लिए टीवी मोबाइल देखने व बाहर घूमने के लिए भी जाया जा सकता है । इससे विद्यार्थीको मानसिक रूप से राहत मिलेगी। व अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे सकेगे। योग प्राणायाम आदि से भी तनावमुक्त हो सकते हैं। अभिभावक पूर्ण सहयोग करें व संवाद बनाए रखें। इससे विद्यार्थी अवसाद ग्रस्त नहीं होंगे व आत्महत्या जैसा कठोर निर्णय भी नहीं लेंगे।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।