सरकार गरीबों को काम देने की बजाय मुफ्त का राशन दे रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस तबके के लिए यह योजनाएं बनाई जाती है अधिकतम को तो इन सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी भी नहीं होती है और रसूखदार अपना घर भर लेते हैं। राजीव गांधी ने वर्षों पूर्व कहा था की सरकार आम आदमी को ₹1 देती है तो उसके पास मात्र 10 पैसे पहुंचते हैं, आज भी यही स्थिति है।
मुफ्त राशन की बजाय शिक्षा को मुफ्त कर दिया जाए। लेकिन सरकार ने तो शिक्षा पर ही 18% जीएसटी लगा दिया। अगर शिक्षा मुफ्त कर दी जाएगी तो सरकार का एक भी पैसा बेकार नहीं जाएगा। शिक्षा तो ऐसा क्षेत्र है जहां हर कोई अपनी स्वेच्छा से आगे आएगा। सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इसमें घोटाले भी नहीं होंगे और गरीब बच्चे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगे।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।