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सांभरझील। सांभर शहर में वर्ष 1991 से लगातार 26 जनवरी और 15 अगस्त राष्ट्रीय पर्व के मौके पर सभी निजी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मिठाई वितरण किए जाने की परंपरा चली आ रही है, लेकिन विगत दो दफा से इस व्यवस्था को पालिका प्रशासन की ओर से बिना किसी समुचित कारण के बंद कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि इस संदर्भ में कुछ लोगों का मानना है कि सरकारी स्कूलों को मिठाई वितरण करना तो ठीक है लेकिन प्राइवेट स्कूलों को मिठाई वितरण करना इसलिए सही नहीं है कि वे शिक्षण व्यवसाय से धन अर्जित करते हैं और सक्षम है।
नगर पालिका पर बेवजह ही आर्थिक बोझ पड़ता है, तो दूसरी ओर इसके समर्थक लोगों का कहना है कि राष्ट्रीय महत्व जैसे प्रोग्राम में भेदभाव उचित नहीं है, यह सभी बच्चे हमारे ही गांव के हैं। मिठाई वितरण बंद करने का तर्क पालिका प्रशासन के सामने यह सुझाव किसने रखा यह तो कोई साफ तौर पर बताने के लिए तैयार नहीं है लेकिन इस बात की चर्चा पहले भी कई दफा चल चुकी है। बता दें कि उपखंड अधिकारी के निर्देश पर इस व्यवस्था को लागू किया गया था और तभी से उपखंड अधिकारी जब भी राष्ट्रीय पर्व के संदर्भ में बैठक आयोजित करते हैं तो पुराने एजेंडे के आधार पर यह व्यवस्था एजिटीज रखी जाती है।
इस संदर्भ में पार्षद अभिलाष तंबोलिया, पार्षद मुकेश मौर्य की तरफ से अधिशाषी अधिकारी छगनलाल यादव को पत्र लिखकर राष्ट्रीय पर्व के मौके पर चली आ रही मिठाई वितरण की परंपरा को यथावत रखने का अनुरोध किया है। इस मामले में राष्ट्रदूत की ओर से अधिशाषी अधिकारी यादव से फोन कर जानकारी चाही गई लेकिन दो दफा घंटी जाने के बावजूद उन्होंने फोन नहीं उठाया।