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साइबर क्राइम व यौन उत्पीड़न दोनों अपराध ने इतना जटिल रूप ले लिया है कि सरकार भी अपने आपको लाचार व बेबस महसूस कर रही है। पूरे देश में माहौल ऐसा है कि कहां कब किसी मासूम से दुष्कर्म कर दिया जाए। कब कहां साइबर क्राइम से किसी का बैंक खाता खाली कर दिया जाए। लेकिन केवल सरकार को ही भला बुरा कहना उचित नहीं है। सरकार भी इन अपराधों को खत्म करने के लिए प्रयास कर रही है। लेकिन हर व्यक्ति को निजी तौर पर सावधान व सतर्क रहना पड़ेगा। फोन में अनजाने में ही जरा सा हाथ लगने पर फर्जी लिंक या फोन पर क्लिक हो जाता है और अगर आपके साथ ऐसा हुआ है तो आप तुरंत साइबर क्राइम विभाग को सूचित करें। सरकार के साथ-साथ जन सहभागिता का योगदान भी अति महत्वपूर्ण है।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़, (राजस्थान)।