करीब 15 वर्षों से अखबारों में लिख रही हूं। परिचितों से अच्छी बुरी टिप्पणी भी सुनने को मिलती है। एक टिप्पणी ऐसी मिली कि वह मुझे आजीवन याद रहेगी
हम एक चिकित्सक दंपति से मिलने गए थे क्योंकि परिचित थे इसीलिए ड्राइंग रूम में ही बैठ गए। अचानक से मेरे पति ने किसी दवाई के बारे में पूछा तो चिकित्सक महोदय इधर-उधर पेन देखने लगे। मैंने कहा _यह लीजिए पेन और पर्स में से पेन निकलने लगी, यह देखकर चिकित्सक महोदय बोले हां इनके पास तो पेन होगा ही क्योंकि लेटर टू एडिटर लिखती है।
यह सुनकर आश्चर्यचकित रह गई, इतने वरिष्ठ एवं बुद्धिजीवी व्यक्ति से यह सुनना मेरे लिए बेहद उत्साहवर्धक टिप्पणी थी।
लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़, (राजस्थान)