घरेलू हिंसा के मामले अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश नीरज भामू का अहम फैसला
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश नीरज भामू ने घरेलू हिंसा के मामले में निचली अदालत द्वारा दिए गए निर्णय को पलटते हुए अहम फैसला दिया। अधीनस्थ अदालत की ओर से घरेलू हिंसा के मामले में प्रार्थिया पत्नी को खर्चे के तौर पर 15000 रुपए प्रतिमाह देने के आदेश दिए थे। इस आदेश से व्यथित होकर पीड़ित पति की ओर से अधिवक्ता हेमराज कुमावत के माध्यम से एडीजे के समक्ष अपील पेश कर अधीनस्थ न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी गई थी, जिसमें दोनों तरफ से क्रॉस अपील पेश की गई।
प्रार्थिया पत्नी की अपील खारिज की गई जबकि पक्षकार की ओर से की ओर से प्रस्तुत अपील स्वीकार हुई जिसमें 1000 रुपए भरण पोषण एवं 500 रुपए प्रतिमाह रहवास खर्च कुल 1500 प्रतिमाह अदा करने तथा उक्त राशि में प्रतिवर्ष 10% बढ़ोतरी किए जाने के आदेश दिए तथा साथ ही यह भी आदेशित किया गया कि पूर्व मे यदि कोई राशि भरण पोषण के रूप मे प्रार्थिया को दिया हो तो उस राशि का समायोजन किया जाये।
इसके अलावा न्यायालय ने यह आदेश भी दिया की दोनों पक्षों के मध्य विवाद का समापन/समझौता/राजीनामा/विधिक रूप से पृथक्करण होने तक प्रभावी रहेगा तथा यह भी आदेशित किया कि अपीलार्थी, प्रार्थिया को प्रकरण से संबंधित हुआ खर्चा व मानसिक संताप की एवज में एक मुश्त 15000/ रु प्रदान करे। अधिवक्ता हेमराज कुमावत ने न्यायालय में यह तर्क भी रखा की अपीलार्थी पति की इनकम प्रतिमाज्ञ 6 हजार रुपए है और 15 हजार रुपए प्रतिमाह उसके लिए देना संभव नहीं है।