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आमेर (जयपुर)। निकटवर्ती आमेर की घाटी में विराजमान हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतिक हजरत सैय्यद जुल्फिकार अली शाह का 2 दिवसीय वार्षिक उर्स 22 सितम्बर रविवार से फहराने के साथ में शुरू हुआ था जो की 23 सितंबर सोमवार को कूल की रस्म के साथ में विधिवत संपन्न होगया है।
खादिम मोहम्मद यूनुस चिश्ती ने बताया कि 22 सितम्बर रविवार को सुबह कुरान ख्वानी हुई शाम को झंडे की रस्म की अदायगी हुई इसी के साथ में जायरीनों का आना शुरू हुआ। रात्रि 9 बजे बाद में मिलादुन नबी कमेटी के द्वारा मिलाद शरीफ की गई जिसमे खुदा के हुकम व हजरत मोहम्मद साहब के बताए हुए मार्ग पर चलने की बात कही गई। रात्रि 10 बजे से संपूर्ण रात्रि तक राजस्थान प्रदेश की मशहूर कव्वाल पार्टियों द्वारा महफिल ए शमा का आयोजन किया गया जिसमे बाबा की मान मनुहार की गई। इसी प्रकार 23 सितम्बर सोमवार को कुरान ख्वानी हुई सुबह 9 सामूहिक कव्वाल पार्टियों द्वारा बाबा की मान मनुहार की गई! इसी के साथ में कूल की रस्म की अदायगी हुई।
इसके बाद में कव्वाल पार्टी पत्रकार और सराहनीय कार्य करने वालों की दस्तार बंदी की गई। इसके बाद में लंगर वितरण हुआ इसमें अकीद्तमंद बड़े ही अदब के साथ में लंगर खाए। दरगाह प्रांगण को आकर्षक व मन मोहक विद्युत सजावट से सजाया गया।