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मंडावर। शहर में नगर पालिका द्वारा जरूरतमंद लोगों के लिए संचालित इंदिरा रसोई के पिछले पांच दिन से ताला लटक रहा है। इस कारण पिछले पंाच दिन से लगातार जरूरतमंदों को भोजन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार नगर पालिका मण्डावर शहर में बस स्टैण्ड़ रोड़ गांधी चौक एवं अनाज मण्डी के पास संचालित इंदिरा रसोई में आठ रुपए में भोजन मिलता है इस लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग इंदिरा रसोई में खाना खाने आते थे, लेकिन पिछले पांच दिन पूर्व 18 सितम्बर से ठेकेदार द्वारा बिना किसी कारण के दोनों इंदिरा रसोईयों के अचानक ताला लगाकर बंद कर दिया गया।
इंदिरा रसोई पिछले पांच दिन से लगातार बंद पड़ी होने के बावजूद जिम्मेदार आंख मूंदे गहरी नींद में सो रहे है। गरीब तबके के सैकड़ों लोग अपनी भूख मिटाने के लिए प्रतिदिन इंदिरा रसोई के दरवाजे तक पहुंचते है लेकिन रसोई के ताला लटका देख उनकी भूख स्वत: ही मिट जाती है। गरीब तबके लोगों ने बताया कि सरकार द्वारा आठ रूपये में भर पेट भोजन करने के लिए इंदिरा रसोई के माध्यम से व्यवस्था की गई। लेकिन ठेकेदार द्वारा पिछले पांच दिन से इंदिरा रसोई के ताला लटका रखा है। उन्होंने बताया कि पांच दिन से लोग भूखे-प्यासे दर-दर भटक रहे है।
वहीं रिक्शा चलाने वाले एवं भीख मांग कर गुजर बसरे करने वाले लोग इंदिरा रसोई में बैठकर भर पेट भोजन कर अपना जीवन जी रहे थे। परन्तु इंदिरा रसोई बंद होने से उनके सामने भूख को मिटाने का संकट खड़ा हो गया। कई गरीब तबके के लोग अब पानी पीकर अपनी भूख मिटा रहे है।
इंदिरा रसोई के आस-पास दुकानदारों ने बताया कि प्रत्येक दिन सैकड़ों लोग यह उम्मीद के यहा आते है कि आज इंदिरा रसोई में भर पेट भोजन करके आएंगे। लेकिन इंदिरा रसोई के ताला लटका देख सारी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है। सवाल यह उठ रहा है कि सैकड़ों लोगों की भूख मिटाने वाली इंदिरा रसोई पांच दिन बंद होने के बावजूद जिम्मेदारों का इस और ध्यान क्यों नही गया। नगर पालिका एवं प्रशासन अधिकारियों का इंदिरा रसोई बंद होने की जानकारी नही होने से उनके द्वारा की जा रही इंदिरा रसोई की मॉनिटरिंग पर अनेक सवाल उठ रहे है। लोगों ने बताया कि इंदिरा रसोई बंद होने से गरीब,असहाय तबके के लोग भूख-प्यासे इधर-उधर दर-दर भटक रहे है। दुकानदारों ने गरीब लोगों की भूख मिटाने के लिए इंदिरा रसोई को चालु करवाने की मांग की गई है।