भूमि आवंटन नहीं होने से बंद हो सकता है सांभर कन्या महाविद्यालय

1 साल से 5 करोड़ का बजट पीडब्ल्यूडी के खाते में पड़ा है

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासन के समय सांभर में कन्या महाविद्यालय की मिली सौगात इसलिए फलीभूत नहीं हो पा रही है क्योंकि कुछ राजनेता नहीं चाहते हैं कि सांभर में यह महाविद्यालय संचालित हो, जबकि महाविद्यालय के लिए आयुक्तालय की ओर से नवीन भवन निर्माण हेतु करीब 5 करोड रुपए की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति अगस्त 2023 में ही जारी कर दी गई थी। जानकारी में तो यह भी आया है कि इसके लिए विधायक कोटे से दो करोड रुपए भी और पास हुए थे लेकिन वह जनता को दिखाने के लिए आवंटन किए गए थे यानी कुल करीब 7 करोड रुपए नवीन भवन के लिए मिल जाना और उसके लिए राजनेताओं की ओर से भूमि की उपलब्धता को सुनिश्चित नहीं करना तथा घोर लापरवाही कर मामले को झूलाना इस बात का द्योतक है कि वास्तविक रूप से नवीन भवन हेतु भूमि मिले इसके लिए कोई दबाव नहीं बनाया गया है। 

नवीन भवन निर्माण की जिम्मेदारी सार्वजनिक निर्माण विभाग को सौंप रखी है और यह सारा पैसा उनके खाते में 1 साल से पड़ा है।यह बताना जरूरी है कि सरकार के पास परमानेंट व्याख्याताओ की नियुक्तियों का टोटा है, इसीलिए सरकार मात्र 40,000 रुपया प्रतिमाह पर विद्या संबल योजना के तहत अस्थाई तौर पर अलग-अलग विषयों के छह व्याख्याताओ को शैक्षणिक कार्य की जिम्मेदारी सौंप रखी है। इस कन्या महाविद्यालय में हिंदी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, भूगोल, इतिहास, राजनीति शास्त्र, गृह विज्ञान व चित्रकला के विषय पढ़ाए जाते हैं। आश्चर्य तो इस बात का भी है कि कन्या महाविद्यालय में प्राचार्य का पद भी डेपुटेशन से भरकर काम चलाया जा रहा है। वर्तमान में यह कन्या महाविद्यालय पुरानी धान मंडी स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सराय स्कूल के भवन के ऊपरी हिस्से में चल रहा है। यहां करीब 250 बालिकाएं अध्यनरत है, जिनके उज्जवल भविष्य पर फिलहाल तलवार लटकी हुई है। 

सूत्रों से जानकारी मिली कि कन्या महाविद्यालय के लिए कॉलेज प्रशासन की ओर से आयुक्तालय की मांग के आधार पर करीब 6 बीघा भूमि देने का प्रस्ताव आगे भिजवाया था लेकिन उसमें टेक्निकल प्रॉब्लम खड़ी कर उसको क्लियर करने की जिम्मेदारी यहां के प्रशासनिक अधिकारी के पास अटकी पड़ी है, दोगली राजनीति करने वाले नेता नहीं चाहते कि यह मामला सुलझ जाए और सांभर में कन्या महाविद्यालय के भवन का रास्ता साफ हो। गंदी राजनीति का ही परिणाम रहा की सांभर से पहले भी सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी का ऑफिस व भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड का दफ्तर यहां से चला गया। समय रहते यदि यहां की जागरूक जनता नहीं जागी तो सांभर कन्या महाविद्यालय राजकीय शाकंभर महाविद्यालय में मर्ज हो जाएगा एक दिन खत्म हो जाएगा। यानी सरकार ने जो सौगात सांभर को दी थी उसका सत्ता और विपक्ष के राजनेताओं की लापरवाही से फलीभूत नहीं हो पाना दुर्भाग्य का विषय ही माना जाएगा।