कई संस्थाओं की आधार शिला रखी प्रोफेसर (डा.) सत्या जांगिड ने
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नई दिल्ली। हिन्दी में विभिन्न विषयों की मौलिक पुस्तकें विश्वविद्यालय की छात्राओं और छात्रों को उपलब्ध हों, इसके लिए प्रोफेसर (डा.) सत्या जांगिड ने भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए 14 मई 1979 को तीन सांसदों श्रीनाथू सिंह, श्री चरण नाराज़री और श्रीमती पार्वती देवी के जरिए लोक सभा में सवाल पूछे। सरकार ने उत्तर दिया कि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को इस संबंध में कोई सुविधा दी जा रही है या नहीं। यह जानकारी एकत्र की जा रही है। जिसे बाद में संसद के पटल पर रख दी जाएगी। इस उत्तर की फोटो कापी संलग्न है।

डा. सत्या ने भारत की महिला अर्थशास्त्रियों को संगठित करने के लिए National Association of Women Economists नामक संस्था की स्थापना की और सांसद श्रीमती पूर्वी मुखोपाध्याय को अध्यक्षा बनने के लिए तैयार किया। इसका सदस्य बनने के लिए 05 फरवरी 1976 को आग्रह करते हुए एक पत्र जारी किया गया। भारत भर की छात्राओं और छात्रों को किफायती शुल्क पर पत्रकारिता और जन संचार की आभासी माध्यम तथा कक्षा में शिक्षा मिले, इसके लिए डा. सत्या ने देहरादून (उत्तराखंड)में CYBER INSTITUTE OF MASS COMMUNICATION की स्थापना की।

इनके अलावा कालिन्दी कालेज में शुरू किए प्रयासों की सूचना पहले दी जा चुकी है। इनमें रोजगार मार्गदर्शन केंद्र, नारी विकास केंद्र कानूनी मदद केंद्र Planning Forum प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र आदि शामिल है।