युद्ध के कारण ?

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विस्तारवादी नीति  एक आक्रामक विदेश नीति कही जाती है कोई भी देश अपनी सीमाओं से आगे अपने प्रभाव क्षेत्र को सैन्य व आर्थिक शक्ति से बढ़ाने का प्रयास करता है। कुछ देश साम्राज्य का विस्तार करने के लिए युद्ध करते है। कुछ देश संसाधनों, बाजारों, और व्यापार मार्ग तक पहुंचने के लिए भी अन्य देशों पर हमला करते हैं। अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी युद्ध किए जाते हैं। पड़ोसी देशों से खतरे का आभास होने पर भी युद्ध होते हैं। राष्ट्रवाद व राष्ट्रीय गौरव की भावना भी विस्तारवादी नीतियों का कारण बनती हैं। इन नीतियों के कारण अक्सर युद्ध व संघर्ष होते हैं। इससे आर्थिक नुकसान होता है गरीबी व भूखमरी बढ़ती है।  लोगों को घरों से भागना पड़ता है  शरणार्थी संकट पैदा हो जाता है। इन नीतियों से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव व वैश्विक अस्थिरता पनपती है। वैश्विक शांति एक जटिल प्रक्रिया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय संगठन, सरकार व समुदाय के  सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है संयुक्त राष्ट्र संघ के निष्पक्ष फैसला को मानना होगा। सभी देश एक दूसरे देशों की संप्रभुता, अखंडता का सम्मान करें अपनी महत्वाकांक्षी नीतियों पर लगाम लगाए तभी युद्ध रख सकते हैं। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)

लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)