एक्सपायरी डेट की चना दाल को बेचने की फिराक में

फर्म मालिका ने नेफेड के भारत दाल के 60 कट्टों में भरी  तीन हजार थैलियों की पैकिंग को गोदाम से चार किलोमीटर दूर चौलावा की ढ़ाणी में सुनसान खण्डर मकान में ले जाकर मजदूरों से फड़वाया।

सुरेश बागड़ी की रिपोर्ट 

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मण्डावर। एक ओर तो केंद्र सरकार गरीबों के लिए नई-नई योजनाएं चलाकर उन्हें दो वक्त की रोटी के साथ दाल का जुगाड़ कर सस्ते दामों मे घर बैठे नेफेड के माध्यम से भारत दाल योजना चलाकर दाल पहुंचाने का कार्य कर रही है। वहीं मंडावर में भारत चना दाल की बिक्री कर रही एक फर्म गरीबों को मिलने वाली सस्ते दामों की दाल में भी गड़बड़ झाला कर लाखों रूपये का घपला कर जेब भरने में लगा है। आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से मिलने वाली भारत दाल को फर्म मालिक फर्जीवाड़ा कर दुकानों और मिल पर बेचकर मोटी कमाई करने में लगे है। जिसका खुलासा फर्म मालिक की खरीद बिक्री की उच्च स्तरीय जांच होने के बाद ही पता चल सकेगा। अब जबकि केंद्र सरकार ने भारत चना दाल योजना को मार्च 2024 के बाद बंद कर दिया गया है। जिसके बावजूद भी फर्म मालिक ने गोदाम में गरीबों को सस्ते दामों में मिलने वाली लाखो रूपयों की चना दाल को गोदाम में दबा रखा है। जिसे अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में गरीब व जरूरत मंद लोगों को समय रहते नहीं बेची गई। ओर गोदाम में रखे-रखे चना दाल एकस्पयारी हो गई। 

एकस्पायारी डेट की चना दाल को फिर से बेचने के लिए फर्म मालिक अपने गढ़ रोड स्थित गोदाम से पिकअप में भरकर करीब 4 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत रींदली के चौलावा की ढ़ाणी के एक सुनसान खंडर मकान में ले गया। जहां आधा दर्जन मजदूरों की सहायता से नेफेड के करीब 60 कट्टो में से थैलियों की पैकिंग को निकालकर मजदूरों से फड़वा दिया गया। जिसका पता क्षेत्र के लोगों को लगने पर फर्म मालिक में हड़कम मच गया। जिस पर आनन-फानन में मालिक ने मजदूरों से चना दाल को फिर से कट्टो में भरवाकर गढ़ रोड स्थित गोदाम में रखवा दिया गया। इधर शहर वासियों को आशंका है कि सस्ते दामों में बेची जा रही भारत चना दाल वितरण में भारी घपला किया गया है। जिसकी जल्द ही उच्चस्तरीय जांच की जावें। जिससे समय रहते मामला का खुलासा हो सकेंं।

भारत दाल के लिए आधार कार्ड व मोबाइल नम्बर थे जरूरी

सरकार ने एक व्यक्ति को अधिकतम 5 किलो भारत चना दाल बेचने की सीमा तय की गई थी। साथ ही फर्म मालिक द्वारा  जिन उपभक्ताओ को  चना दाल बेची जा रही है उनके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लेना अनिवार्य कर रखा था। जिससे फर्म मालिक गरीब उपभोक्ताओं को मिलने वाली दाल योजना में गड़बड़ी ना कर सके।  लेकिन मण्डावर के एक फर्म मालिक ने आम उपभोक्ता की रसोई तक पहुंचने वाली केन्द्र सरकार की सस्ती भारत दाल योजना में नेफेड अधिकारियों से मिलीभगत कर लोगों के फर्जी आधार और मोबाइल नम्बर लिखकर लाखों रुपए का गड़बड़ झाला करने का लोगो ने आरोप लगाया।

सूचना के बाद भी कार्रवाई करने से कतराते रहे जिम्मेदार

फर्म मालिक अपने गोदाम से करीब 4 किलोमीटर दूर चौलावा की ढ़ाणी के एक सुनसान खंडर मकान में भारत दाल के करीब 60 कट्टे पिकअप गाड़ी में ले जाकर थैलियों की पैकिंग को फड़वा रहा था। उसी दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस, तहसीलदार, जिला रसद अधिकारी सहित कई अधिकारियों को मामले की सूचना दी गई। लेकिन मामले में पुलिस थाने से तो रवाना हुई लेकिन मौके से एक किलोमीटर दूर जाकर खड़ी रही। ओर कहती रही कि संबंधित विभाग के अधिकारी आकर कार्यवाही करेंगे। वहीं तहादीलदार हरकेश मीणा व जिला रसद अधिकारी हितेश मीणा भी मामले को लेकर संबंधित विभाग की बात कहते रहे। ओर फर्म मालिक भारत दाल योजना के एक्सपायरी डेट की चना दाल की थैलियों की पैकिंगों को फड़वाकर कट्टों में भरकर गोदाम में ले गया।

फर्म के मालिक ने चना दाल की बिक्री में किया भारी फर्जीवाड़ा, लोगो ने की जांच की मांग।

मण्डावर क्षेत्र में नेफेड द्वारा जिस फर्म को चना दाल बिक्री का टेंडर दिया गया है। उस फर्म के मालिक ने चना दाल की बिक्री में भारी फर्जीवाड़ा कर लाखो रुपए का गड़बड़ झाला करने की लोग आशंका जता रहे है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि फर्म मालिक बिना आधार कार्ड के ही दुकानदारों को दाल सप्लाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि बाजार में चना दाल की कीमतें करीब 85 रूपये प्रति किलो बताई जा रही है जबकि भारत सरकार गरीब और मजदूरों को सब्सिडी देकर चना दाल को रियायती दर पर उपलब्ध करवा रही थी। लेकिन फर्म मालिक गरीब और मजदूरों को चना दाल की बिक्री नही करके फर्जी आधार और मोबाइल नम्बरों से दुकान व मीलों पर भारत चना दाल की बिक्री कर लाखो रूपए  कमा रहा था। इधर लोगो का कहना है कि फर्म मालिक की चना दाल बिक्री की जांच की जानी चाहिए। जिसमें लाखो रुपए के घोटाले की पोल खुल सकेगी।

इनका कहना है

भारत चना दाल की बिक्री को केंद्र सरकार ने मार्च में ही बंद कर दिया था। जहां फर्म ने विभाग को स्टॉक निल की रिपोर्ट भेजी गई थी। उसके बावजूद फर्म के गोदाम में माल है तो जांच की जाएगी।

जे पी यादव, डिप्टी मैनेजर, नेफेड सहकार भवन जयपुर।