अध्यात्म और लोक मंगल की प्रकाश रेखा
लेखिका : प्रो. (डा.) रमा, दिल्ली विश्वविद्यालय

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आज रविवार है विक्रमी संवत 2081 के श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तदनुसार 28 जुलाई 2024 आज साध्वी प्रज्ञा भारती जी का जन्म दिवस है। वह अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ी और उन्होंने स्वर्ण पदक लेकर एम.बी.ए. किया। उनकी बचपन से ही धर्म और अध्यात्म में रुचि रही है। उन्होंने शास्त्र पढ़े और भारत की शानदार विरासत‌ के बारे में गहराई, से जाना उनका हिन्दी, पंजाबी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषाओं पर समान अधिकार है। 

वह भारत के सभी प्रमुख हिन्दी और अंग्रेजी समाचार चैनलों पर समसामायिक विषयों पर चर्चा के लिए आमंत्रित की जाती है। वह प्रखर और स्पष्ट विचारों के लिए जानी जाती है।

वह आज के भारत में धर्म और अध्यात्म के आकाश में नई प्रकाश रेखा है। विद्वता, बाकपटुता, विनय और ऊर्जा का संगम।

उन्होंने 2021 में 21 जून को योग दिवस पर सहारा समाचार चैनल पर विश्व को योग का महत्व बताया और बाद में भोपाल (मध्यप्रदेश) के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जन संचार विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों को मुख्य अतिथि के नाते सम्बोधित किया। इतनी कम उम्र में किसी भी भारतीय विश्वविद्यालय द्वारा मुख्य अतिथि बनाई गई वह पहली सन्यासिन है। शिक्षा से उसका विशेष लगाव है। विशेषतः स्त्री शिक्षा में ।झुग्गियों में रहने वाली गरीब लड़कियो को पढ़ाने के लिए वह स्वयं अपनी युवा और युवतियों की टोली ले कर जाती हैं। उनमें खाना बांटती हैं, पुस्तकें बांटती हैं और कलम, पेंसिल तथा कापियां बांटती हैं। उनकी योजना नोएडा मे लाल बत्तियों पर भीख मांगने वाली अभागी लड़‌कियों के लिए स्कूल खोलने की है। गरीबों की सेवा वह बचपन से करती रही है। वह सर्दियों में दिल्ली के अस्पतालों के बाहर पटरी पर ठिठु‌रते हुए मरीजों को कंबल बांटती हैं। हर साल 

उन्हें कई राज्यों की संस्थाओं ने सम्मानित किया है। उत्तराखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने भी उन्हें सम्मानित किया है। उन्होंने संभव इंटरनेशनल फाउंडेशन की स्थापना की है, जिसके माध्यम से वह अपनी लोक मंगल की गतिविधियां चलाती हैं। 

वे पिछले दस सालों से योग, नशा मुक्ति जेलों में कैदियों की भलाई, नेत्रहीनों की आर्थिक सहायता, नारी सशक्तिकरण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कर रही हैं. इसके लिए वह स्कूलों, कालेजों और विश्वविद्यालयों में सेमिनार और कार्यशालाएं भारत भर में चलाती है। इस तरह से वह विश्व कल्याण का सन्देश देती हैं।  (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)