कविता
लेखक : राकेश अचल
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उठो सरकार ! गुस्सा थूक डालो
चलो इस बार, गुस्सा थूक डालो
पराजय में भी जय का घोष है ना
जताओ प्यार, गुस्सा थूक डालो
खबर अच्छी - बुरी है देश भर की
पढ़ो अखबार, गुस्सा थूक डालो
सभी को साथ में रहना पड़ेगा
मेरी सरकार, गुस्सा थूक डालो
हमें देखो, ज़रा-सा मुस्करा दो
खिले कचनार, गुस्सा थूक डालो
बधाई लो, बधाई दो सभी को
उठाओ हार, गुस्सा थूक डालो
करो मुजरा, कि जै श्रीराम बोलो
रहो गुलजार, गुस्सा थूक डालो
नजर के सामने अब भी है कातिल
सरे बाजार, गुस्सा थूक डालो
तुम्हारे हाथ में फाँसी-रिहाई,
बहस बेकार गुस्सा थूक डालो ।।
(लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)