पर्यावरण संकट को नियंत्रण करने के लिए लिखा सरकार को पत्र

जयपुर में पॉलिथीन बैग्स व अन्य प्लास्टिक सामग्री के लिए सरकार को लिखा पत्र

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जयपुर। श्रीमती निर्मला सिंह ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिहं खर्रा, उद्योग मंत्री, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठोड, नगर निगम मेयर ग्रेटर और हेरिटज को पत्र लिख कर जयपुर में पोलीथीन बैगों से हो रहे पर्यावरण संकट को दूर करने के लिए सुझाव दिये हैं तथा इस कार्य में उनके द्वारा पूर्ण सहयोग करने का विष्वास दिलाया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि-

’’यह पत्र मैं एक गम्भीर मुद्दा आपके ध्यान में लाने के लिए लिख रही हूँ जो हमारे प्यारे शहर ’’जयपुर’’ के निवासियों और पर्यावरण को तेजी से प्रभावित कर रहा है। पालिथीन बैग और अन्य प्लास्टिक सामग्रियों का व्यापक उपयोग एक महत्वपूर्ण हानिदायक संकट बन गया है जिससे कई पर्यावरणीय और स्वास्थ्य सम्बंधी चिंताएं पैदा हो रही है। 

पालिथीन बैग गैर-बायोडिग्रेडेबल है जो हमारे शहर में प्रदूषण फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। यह जल निकासी प्रणालियों को अवरूद्ध कर देते हैं जिससे मानसून के मौसम में नालियिों में जल भराव हो जाता है, जो बदले में मच्छरों और अन्य रोग फैलाने वालों के लिए प्रजनन स्थल बन जाता है। इसके अतिरिक्त, प्लास्टिक कचरा अक्सर आवारा जानवरों द्वारा निगल लिया जाता है जिससे उनके स्वास्थ्य को गम्भीर नुकसान होता है। जयपुर जो अपनी समृद्ध विरासत और पर्यटन के लिए विष्व में जाना जाता है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक के कूडे के कारण खराब हो गई हैं।

आप जानते हैं कि प्लास्टिक प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव अच्छी तरह से प्रलेखित हैं। कडे़ उपायों और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से इस मुद्दे का समाधान करना महत्वपूर्ण हैै। इसके लिए मैं सम्मान पूर्वक निम्न लिखित कार्यवाईयाँ कराने का सुझाव देती हॅूः-

1. प्लास्टिक प्रतिबंध का सख्त प्रवर्तनः- हालांकि सरकार ने कुछ प्रकार के प्लास्टिक उत्पादनों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन प्रवर्तन कमजोर बना हुआ है। इन नियमों के कार्यान्वयन को मजबूत करने और उल्लंधनकर्ताओं पर जुर्माना लगाने से प्रतिबंधित प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को रोका जा सकता है। 

2. विकल्पों को बढ़ावा देना:- कपडे या जूट बैग जैसे पर्यावरण अनुकूल विकल्पों के उपयोग को प्रोत्साहित करने से प्लास्टिक पर निर्भरता काफी कम हो सकती है। सरकार सब्सिडी या प्रोत्साहन के माध्यम से इन विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय व्यवसायियों के साथ सहयोग कर सकती है। 

3. जागरूकता अभियानः- प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों और पुरानी प्रथाओं के लाभों पर प्रकाश डालने वाले जन जागरूकता अभियान निवासियों के बीच पर्यावरणीय जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा दे सकते हैं। 

4. उन्नत अपशिष्ट प्रबंधनः- कुशल रीसाइक्लिंग प्रक्रियाओं को शुरू करके और स्त्रोत पर कचरे को अलग करके शहर की अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली में सुधार करने से प्लास्टिक कचरे के पर्यावरणीय दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। 

5. सामुदायिक भागीदारीः- सामुदायिक समूहों, स्कूलों और गैर सरकारी संगठनों को सफाई अभियान और शैक्षिक कार्यक्रमों में शामिल करने से हमारे शहर को साफ रखने में सार्वजनिक भागीदारी बढ़ सकती है। 

मेरा मानना है कि राजस्थान सरकार और समाचार पत्रों के ठोस प्रयासों और प्रभावी नीतियों से हम पॉलिथीन बैग और अन्य प्लास्टिक सामग्री से होने वाले संकट को कम कर सकते हैं। इससे जयपुर स्वच्छ, स्वस्थ्य और अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर अग्रसर होकर अन्य शहरों के लिए एक उदाहरण स्थापित कर सकता है। 

इस गम्भीर मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद। मुझे उम्मीद है कि आप राजस्थान सरकार से इस मुद्दे के समाधान के लिए निर्णायक कार्यवाई कराने का श्रम करेंगे। मैं हमारे शहर में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से की गई पहलों का समर्थन करने के लिए किसी भी क्षमता से सहायता करने को तैयार हूँ।