मेरी प्रेरणा के स्रोत

 

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विगत कई वर्षों से अखबारों में लिख रही हूं इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए एक दिन आकाशवाणी केंद्र गई और वहां के कार्यक्रम अधिशासी से मिली इतने उच्च पद पर आसीन व्यक्ति ऐसा सरल सहज भी हो सकता है। यह नहीं सोचा था परिचय के पश्चात उन्होंने पहले भेंट वार्ता का कार्यक्रम दिया भेंटवार्ता का विषय था "प्राणायाम से स्वास्थ्य लाभ" क्योंकि मैं विगत कई वर्षों से प्राणायाम करती हूं। 

इस प्रसारण को उन्होंने भी सुना और कार्यक्रम के पश्चात में उनके कक्ष में गई तो उन्होंने कहा_आप बहुत अच्छा बोलते हैं अब आप कहानी लिखिए कुछ दिनों बाद एक कहानी लिखी और आकाशवाणी केंद्र गई अधिकारी को मेरी कहानी बहुत पसंद आई और आकाशवाणी के सीधे प्रसारण के लिए चुन लिया गया। 

जब मैं आकाशवाणी के सीधे प्रसारण में उस कहानी को बोल चुकी तो फिर कहानी की प्रशंसा करते हुए बोले- अब अपनी कहानी में बदलाव कीजिए, फिर मैं उनके निर्देशानुसार और कहानी लिखी और इस प्रकार आकाशवाणी में मेरी मेवाड़ी भाषा की कहानियों का प्रसारण होता रहा। अगर वह अधिकारी मुझे कहानी लिखने को प्रेरित नहीं करते तो शायद में कहानी लिखने की सोच भी नहीं सकती थी। कुछ समय पूर्व आकाशवाणी केंद्र गई तो पता चला पता चला कि हृदय गति रुक जाने से उनका देहांत हो गया काफी दु:ख लगा। 

लेखिका : लता अग्रवाल,  चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)