एचआईवी संक्रमितों को तलाशेगी चिकित्सा विभाग की टीम

अरशद शाहीन 

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टोंक। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एचआईवी, आईवी ड्रग यूजर, लिव इन रिलेशनशिप में साथ रहने वाले संक्रमितों को तलाशने का अभियान शुभारंभ किया। चिकित्सा विभाग द्वारा सितंबर तक अपना टास्क पूरा करेंगी। टीम संक्रमित रजिस्टर्ड मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों सहित परिवार के 19 साल तक के किशोरों की जांच करेगी। संक्रमण का असर दिखा तो उपचार करेंगे। 

सीएमएचओ डॉ. अशोक कुमार यादव ने बताया कि राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी व जिला एड्स नियंत्रण रोकथाम इकाई की ओर से इंडेक्स टेस्टिंग कैंपेन शुरू किया गया है। मंगलवार को इस योजनाआगाज सीएमएचओ डॉ अशोक कुमार यादव, पीएमओ डॉ बी एल मीणा, डीटीओ डॉ हिमांशु मित्तल, आरसीएचओ डॉ गोपाल जांगिड,एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. रामेश्वर, डॉ संदीप राजोतिया एवं जिला एड्स कन्ट्रोल युनिट से जिला सुपरवाईजर निधी कालरा व जिला पीएमडीटी टीबी एचआईवी कोऑर्डिनेटर मोनिका कुमावत ने  बैनर का विमोचन कर किया।

डीटीओ डॉ हिमांशु मित्तल ने बताया कि जो नियमित इलाज नहीं ले रहे उन्हें अनिवार्य रूप से दवा देंगे। उन्होंने बताया कि जिन एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के 19 साल तक के बायोलॉजिकल चिल्ड्रन, पति-पत्नी अथवा पार्टनर, निडिल सीरिंज से एक साथ कई लोग ग्रुप बनाकर नशा करते हैं, उनकी पहचान की जाएगी। जिन लोगों ने दवा बंद कर दी है, उनका इलाज फिर से शुरू किया जायेगा। 

जिला सलाहकार निधि कालरा ने इंडेक्स टेस्टिंग को किस प्रकार कार्य करनाहै, उसकी जानकारी दी। टोंक में कई एचआईवी पॉजिटिव मरीज दूसरे जिलों व शहरों मे रजिस्टर्ड हैं, उन सभी की गोपनीयता बनाए रखते हुए परिवार की जांच की जिम्मेदारी उस क्षेत्र की टीम को दी जाएगी। पहले हुई जांच में परिवार के सदस्यों की यदि रिपोर्ट निगेटिव आ भी गई तो फिर से जांच करेंगे। 

जिला पीएमडीटी टीबी एचआईवी कोऑर्डिनेटर मोनिका कुमावत ने बताया कि जिले में जिन भी टीबी  मरीजो का उपचारहो रहा हैं उन सभी की एचआईवी की जांच सुनिश्चित करनी है, और जो भी टीबी व एचआईवी पोजीटीव मरीज पाये जाने पर उनको एआरटी सेन्टर पर रैफर करने की सुनिष्चितता करनी है।

इस मौके पर एनजीओ साथी, एनजीओ टीआई के रमेष चन्द और विहान एनजीओ से दिनेष, आईटीसीटी, पीपीटी सीटी, एसटीआई, एआरटीसी के काउन्सलर्स मौजूद रहे।