सांभर देवयानी तीर्थ स्थल लगातार हो रहा है अनदेखी का शिकार

प्रमुख घाटों पर गंदगी का आलम, सरोवर में डाली जा रही खंडित मूर्तियां और पूजा सामग्री 

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शुमार देवयानी तीर्थ स्थल सरकार और स्थानीय प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो रहा है। प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की ओर से स्नान और पूजा अर्चना के बाद वेस्ट पूजा सामग्री, वस्त्र डाले जा रहे हैं। आस्था के नाम पर तीर्थ स्थल में खंडित मूर्तियां भी डाली जाती है। घाटों के चारों ओर विभिन्न देवी देवताओं के अति प्राचीन मंदिरों के इतिहास का महाभारत व अन्य धार्मिक ग्रंथो में इसका उल्लेख भी है इसके बावजूद इन ऐतिहासिक धरोहरों  व मंदिरों के रखरखाव की दिशा में स्थानीय प्रशासन और सरकार पूरी तरह से नकारात्मक बनी हुई है। 

सरोवर में जलकुंभी ने अपना साम्राज्य बना लिया है। कुंड में बारिश के पानी के अलावा अन्य कोई स्रोत जल के आवन का नहीं है, ऐसी स्थिति में भीषण गर्मी का दौर शुरू होते ही लगातार जल स्तर का घटना चिंता का विषय है। सरोवर में हजारों की तादाद में मछलियां, जलीय कछुए है, जिनके जीवन पर आने वाले समय में पानी की कमी से संकट उत्पन्न हो सकता है, इस स्थिति को लेकर न तो जनप्रतिनिधियों को चिंता है और न हीं जिम्मेदार प्रशासन को इसकी परवाह है।  

साफ सफाई पूरी तरह से चौपट बनी हुई है। धर्म प्रेमी भी अपनी भूमिका भूल चुके हैं। बताया जा रहा है कि यदि आने वाले समय में सरोवर से जलकुंभी को हटाने और साफ-सफाई का कार्य नहीं किया गया तो जलीय जीव जंतुओं को खतरा उत्पन्न हो सकता है। पहले भी अनेक दफा इस मामले में प्रशासन का ध्यान आकर्षट करवाया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।