बीजेपी मोदी के सहारे और कांग्रेस युवाओं के रुझान से भर रही है जीत का दंभ

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र से लगातार दो दफा सांसद के चुनाव में जीत का स्वाद चख चुकी भारतीय जनता पार्टी इस बार भी मोदी के नाम के सहारे अपनी जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त है तो वहीं कांग्रेस युवा मतदाताओं का रुझान अपनी ओर मानकर जीत पक्की मान रही है। कांग्रेसी अपनी जीत का एक प्रमुख आधार फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत कम रहना और यहां से कांग्रेस का विधायक होने के दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के राव राजेंद्र सिंह की उम्र करीब 66 साल है, और अनुभवी और ईमानदार छवि के माने जाते हैं। उनकी इसी छवि के पीछे उनको टिकट मिलने का प्रमुखता प्रदान की गई थी, तथा पार्टी ने अंदरुनी सर्वेक्षण के बाद ही राव को चुनावी मैदान में उतरा। भाजपा का मानना है कि झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से उनका कैंडिडेट भारी बहुमत लेकर अपनी जीत का परचम लहराएगा। 

कांग्रेस के प्रदेश में सबसे कम उम्र के उम्मीदवार अनिल चोपड़ा का शुरू से ही जुझारू रहकर कार्य करना तथा युवा मतदाताओं पर अल्प समय में ही अपना प्रभाव छोड़ना भी कांग्रेस के पक्ष में बताया जा रहा है। जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र से फुलेरा विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी करने के पूर्व सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर आरोप लगे, राठौड़ कि इस विधानसभा क्षेत्र के प्रति नकारात्मक छवि की वजह से बताया जा रहा है कि यहां से अर्बन एरिया को छोड़कर ग्रामीण इलाकों में भाजपा को पटकनी मिल सकती है। भाजपा को अंदरुनी रूप से एक समस्या और यह सता रही है कि तीन दफा विधायक रहे निर्मल कुमावत जो कि विधानसभा चुनाव में करीब 26000 मतों से हार चुके हैं को चुनाव के दौरान संयोजक नियुक्त करना, विधानसभा क्षेत्र के लोगों की उनके प्रति अन्य कारणों से गहरी नाराजगी, चुनाव प्रचार के दौरान उनका खास असर मतदाताओं पर नहीं पड़ना भी माना जा रहा है। 

यद्यपि यह तो माना जाता है कि विधानसभा में पिछली दफा जो नारा गूंजा था कि "निर्मल तेरी खैर नहीं मोदी से हमको बैर नहीं" यानी क्षेत्र के मतदाता अभी भी मोदी को अपने दिल में बैठाए हुए हैं और यह मोदी का सहारा ही राव के लिए नैया पार का एक ठोस रास्ता है। फुलेरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक विद्याधर सिंह चौधरी का ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्त पकड़ की वजह से भी माना जा रहा है कि अनिल चोपड़ा युवा होने के नाते जीत का एक नया आगाज करेंगे। झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में यदि राव के साथ कोई भीतरी घात नहीं हुआ तो माना जा रहा है कि उनकी जीत कोई नहीं रोक सकता है। कांग्रेस मान रही है कि फुलेरा विधानसभा क्षेत्र से क्षेत्र को काफी पीछे  धकेलने वाले भाजपा के पूर्व विधायक की गहरी नाराजगी इस बार कांग्रेस को इस विधानसभा क्षेत्र से भारी बहुमत मिलेगा और यहीं से उनकी जीत का मार्ग प्रशस्त होगा। अब देखना यह है की दूसरे चरण के चुनाव के बाद 4 जून को जब मतदान घोषित होंगे तो कौन बनेगा संसदीय क्षेत्र का सिरमौर पता चलेगा, फिलहाल दोनों ही दालों के प्रत्याशी अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है।