सांभर-नावा रोड पर चंपा के पेड़ ठूंठ में बदले

 पानी और रखरखाव के अभाव में हो रही है हरियाली नष्ट

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील।सांभर-नावा रोड पर डिवाइडर के मध्य लोगों को आकर्षित करने व खूबसूरती दिखाने के लिए करीब 1 साल पहले लगाए गए चंपा के 50 से अधिक पेड़ रखरखाव और पानी के अभाव में अब ठूंठ में बदल चुके हैं। सांभर पर्यटन महोत्सव के दौरान बाहर से आने वाले पर्यटकों को रिझाने के लिए डिवाइडर के मध्य पेड़ों को लगाने के काम को मूर्त रूप दिया गया था। ऑक्सीजन होगी कम तो घुटेगा हमारा दम, हरियाली लगाओ पर्यावरण बचाओ के संदेश के साथ इस योजना को साकार किया गया था जो पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है। बताया आ रहा है कि इन पेड़ों को पानी पिलाने के लिए एक आधा टैंकर उस वक्त काम में लिया गया था, लेकिन उसके बाद इन पेड़ों को एक बूंद पानी नसीब नहीं हो सकी। डिवाइडर की मिट्टी सूखकर सख्त हो गई है। कमोबेश इसी प्रकार के हालात सांभर के नेहरू गार्डन में भी देखा जा सकता है। जिम्मेदार विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है। नष्ट होती हरियाली से स्थानीय लोगों का मन काफी दुखी है।