सांभर में पर्यटन, पुरातत्व व देवस्थान विभाग के कार्यालय खोलने की मांग

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील।  सांभर उपखंड मुख्यालय पर देवस्थान, पर्यटन और पुरातत्व विभाग के कार्यालय खुलवाने के लिए राजस्व विभाग के पूर्व लिपिक शैलेश माथुर व सामाजिक कार्यकर्ता तरुण कुमार उपाध्याय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व पर्यटन मंत्री दियाकुमारी को पत्र भेजकर अनुरोध किया है। इन कार्यालयो के अभाव में सांभर की प्राचीन धरोहरों का अस्तित्व पूरी तरह से खतरे में आ गया है, क्योंकि यहां पर अंग्रेजों व राजा महाराजाओं के काल के समय की एतिहासिक इमारतों का कोई धणीधोरी नहीं है। 

इन्होंने बताया कि सांभर उपखंड कार्यालय की पुराने भवन के अटेच अंग्रेजों के जमाने की बनी हुई बिल्डिंग जिसमें कैदियों को रखा जाता था तथा आजादी के बाद भी इसे इसी काम में लिया जाता था लेकिन नवीन जेल बनने के बाद इस बिल्डिंग  को जेल प्रशासन ने लावारिस छोड़ दिया है। जिसकी वजह से इस बिल्डिंग में  असामाजिक तत्वों ने कुछ प्राचीन धरोहरों को भी नष्ट कर दिया है तथा बिल्डिंग के दूसरे रास्ते की तरफ दीवार को तोड़ दिया गया है। इसके नजदीक एक पुराना भवन भी मौजूद है जहां पर पुराना न्यायिक रिकॉर्ड भरा हुआ है तथा यह बिल्डिंग भी अंदर से खोखली हो चुकी है। 

यहां पर  जोधपुर और जयपुर रियासत के अलग-अलग दरबारों की प्राचीन निशानियां भी धूमिल हो रही है। इसी प्रकार देवयानी तीर्थ स्थल जिसका उल्लेख महाभारत काल से चला आ रहा है उसकी स्थिति भी संतोष जनक नहीं है। कुछ अरसा पहले घाटों पर मौजूद सभी देवी देवताओं के प्राचीन मदिरों का जीर्णोद्धार देवस्थान विभाग की देखरेख में पर्यटन व पुरातत्व विभाग की तरफ से करवाया गया था लेकिन डेढ़ दशक बीत जाने के बाद भी दोबारा सरकार की ओर से कोई सुध नहीं ली गई। सरकार से अपेक्षा की गई है की सांभर मुख्यालय पर मौजूद इमारत को हेरिटेज का दर्जा दिया जाए तथा उपरोक्त विभागों के कार्यालय खोले जाए ताकि प्राचीन इमारतें का संरक्षण भली भांति हो सके।