बौद्धिक विकास हेतु शिक्षण संस्थानों में ध्यान योग शिविर शुरू करने की मांग

प्रधानमंत्री मोदी व सीएम भजनलाल को पत्र भेजकर अनुरोध

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

www.daylife.page

सांभरझील। विद्यार्थियों में बौद्धिक विकास के लिए सभी विषयों की पढ़ाई के साथ-साथ 30 मिनट का सभी शिक्षण संस्थानों में ध्यान योग शिविर शुरू करवाने के लिए प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को राजस्व विभाग के पूर्व लिपिक शैलेश माथुर व समाजसेवी तरुण कुमार उपाध्याय ने पत्र लिखकर आगामी सत्र से इस विषय को अनिवार्य रूप से शामिल किए जाने का अनुरोध किया है। सूर्य नमस्कार को स्कूलों में लागू कर सरकार ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है इसके लिए प्रदेश के मुखिया साधुवाद के पात्र हैं, लेकिन आज की युवा पीढ़ी में पाश्चात्य सभ्यता का मानसिक पटल पर गहरा असर पड़ चुका है ऐसी स्थिति में बच्चे जल्दबाजी में उचित निर्णय लेने में कई दफा अपने आपको असमंजस में महसूस करते हैं। चिंता, तनाव और प्रतिस्पर्धा की वजह से बच्चों का मानसिक स्तर संतुलित नहीं रह पाता है, इसके लिए अब आवश्यक हो गया है कि इसके मूल कारणों का पता लगाकर युवा पीढ़ी को सही दिशा में खड़ा किया जाए। 

खेलकूद के जरिए शारीरिक विकास तो संभव है लेकिन मानसिक चिंता और विचारों को नियंत्रित करने के लिए ऋषि मुनियों के द्वारा 800 साल से अधिक समय से बताई गई ध्यान पद्धति को उसके मूल स्वरूप में लाया जाए। पत्र में बताया कि बच्चे नियमित रूप से ध्यान करेंगे तो उनका चित्र एकाग्रचित होगा। अनावश्यक विचारों से मुक्ति भी मिलेगी ध्यान करने के बाद बच्चे जब पढ़ाई करेंगे तो एकाग्रचित होकर वह अपने मनपसंद विषय का चुनाव कर उसमें दक्षता भी हासिल कर सकेंगे। पीएम मोदी  व मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से यह भी आग्रह किया गया है कि वह इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों मे ध्यान योग शिविर शुरू करवाने हेतु योग गुरु को भी नियुक्त किया जाए जो आध्यात्मिक दृष्टिकोण से विद्यार्थियों को ध्यान से होने वाले फायदे और उसकी प्रक्रिया को समझा सके।