वार्षिक राशिफल विक्रम संवत 2081 सन 2024 : डॉ लता श्रीमाली
लेखिका : डॉ लता श्रीमाली

"कलत्र भाव" (सप्तम भाव पर पाराशर एवं कृष्णमूर्ति पद्धति का तुलनात्मक विवेचन) के पी एवं वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ

पीएच डी(ज्योतिष) एम ए संस्कृत /ज्योतिष, एल एल बी, विशिष्ट उपाख्य ज्योतिष/वास्तु,संगीत विशारद वायलिन।

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गतांक से आगे... 

कुंभ राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:-आपकी राशि पर से ही शनि का गोचर भ्रमण अर्थात साढेसाती के कारण कार्यस्थल पर शत्रुओं की वृद्धि करेगा। शत्रु आपकी प्रत्येक कार्य योजना को विफल करने की कोशिश करेंगे और उसमें सफल भी होंगे। जिससे आप स्वयं को असहाय एवं कमजोर महसूस करेंगे एवं आत्म बल, मनोबल में कमी का अनुभव करेंगे। कार्य स्थल पर लगातार षड्यंत्र के कारण उच्च अधिकारी आपसे प्रसन्न नहीं रहेंगे। मनोवांछित स्थानांतरण न होने एवं मनोवांछित पद प्राप्ति न होने के कारण स्वयं को दुखी महसूस करेंगे। जून माह पश्चात परिस्थितियां अनुकूल होती हुई प्रतीत होगी एवं आप शनि की साढ़ेसाती से होने वाली परेशानी से कार्यस्थल पर थोड़ा राहत महसूस करेंगे। नया व्यवसाय इस वर्ष आरंभ करना हितकर नहीं होगा। अप्रैल माह तक दिन प्रतिदिन की आमदनी में वृद्धि होगी। अप्रैल माह पश्चात परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहेगी। साझेदारी करने से बचना हितकर होगा।

आर्थिक स्थिति:-धन भाव से ही राहु का गोचर भ्रमण धन संबंधी मामलों में अनावश्यक भ्रम पैदा कर धन हानि करवाएगा। धन या वस्तु की चोरी होने की संभावना भी बन सकती है। व्यवसाय में भी धन हानि होने से लाभ के बजाय हानि होने की संभावना बनेगी। वर्ष के आरंभ में अप्रैल माह तक दिन प्रतिदिन की आमदनी में वृद्धि तत्पश्चात कमी महसूस होगी। आय की बजाय व्यय अधिक होगा तथा संचित धन अर्थात बैंक बैलेंस में कमी  आएगी।

पारिवारिक जीवन:-सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि अर्थात साढ़ेसाती के कारण पारिवारिक जीवन इस वर्ष कष्टमय रहेगा। पत्नी से अनावश्यक मतभेद बढ़ेंगे। घर में हर समय कलह का वातावरण बना रहेगा। छोटी-छोटी बातों पर झगड़ों के कारण मानसिक शांति भंग होगी। जिससे स्वयं को दुखी और असहाय महसूस करेंगे। भाई बहनों से भी संबंध मधुर नहीं रहेंगे उनसे भी अनावश्यक वाद विवाद चलता रहेगा। वाणी में मधुरता नहीं रहेगी जिससे सभी संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। अविवाहित व्यक्तियों के इस वर्ष विवाह में बंधने के योग बन सकते हैं।

शिक्षा:- शिक्षा की दृष्टि से समय मिश्रित फल देने वाला है। अध्ययन में सफलता अत्यधिक परिश्रम के पश्चात प्राप्त होगी। मार्च,अगस्त, अक्टूबर माह में प्रतियोगी परीक्षा के अनुकूल परिणाम प्राप्त नहीं होने से मन दुखी रहेगा। अध्ययन के लिए घर से बाहर रहने पर स्वयं को कमजोर एवं दुखी महसूस करेंगे।

प्रेम संबंध:-साथी से किसी बात को लेकर मनमुटाव पैदा होगा एवं संपूर्ण वर्ष दूरी बनी रहेगी। साथी पर अविश्वास रहने से सुखद एहसास नहीं हो पाएगा। नए संबंध जोड़ने की कोशिश में असफलता हाथ लगेगी। प्रेम संबंधों में भी स्वयं को टूटा हुआ महसूस करेंगे।

स्वास्थ्य:-स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल बना रहेगा। मानसिक दृष्टि से स्वयं को कमजोर, आत्म बल मनोबल में कमी महसूस करेंगे। लेकिन शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ महसूस करेंगे। वाहन चलाने में सावधानी रखना हितकर होगा।

उपाय:- शनिवार को काले कुत्तों को तिल्ली का तेल लगाकर रोटी खिलाएं।

मीन राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:-शनि की साढ़ेसाती आपकी राशि पर आरंभ होगी।किंतु अप्रैल माह तक आपके राशिपति बृहस्पति का द्वितीय भाव से गोचर भ्रमण नौकरी एवं व्यवसाय के लिए अत्यंत अनुकूल रहेगा। यदि आप सेवारत है तो पदोन्नति के या आय में वृद्धि के योग बनेंगे। बेरोजगार वर्ग के लिए रोजगार की प्राप्ति होगी। नई नौकरी लगने या पदोन्नति होने से मन अत्यंत प्रसन्न रहेगा। उच्च अधिकारी आपसे प्रसन्न रहेंगे। कार्यस्थल पर शनि की साढ़ेसाती के कारण शत्रुओं में वृद्धि होगी शत्रु आपके कार्यों को विफल करने का षड्यंत्र भी करेंगे।अप्रैल माह के पश्चात कार्यस्थल पर बनते हुए प्रत्येक कार्य में रुकावट आएगी। कार्य की अधिकता रहेगी। व्यवसाय के चयन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहेगी। जुलाई माह पश्चात दिन प्रतिदिन की आमदनी में वृद्धि होगी।

आर्थिक स्थिति:- बृहस्पति का आपकी राशि से द्वितीय भाव में गोचर भ्रमण भाग्य में वृद्धि करेगा एवं आय में भी पदोन्नति होने से या आय में वृद्धि होने से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। संचित धन में वृद्धि होगी। शुभ मांगलिक कार्यों में धन का व्यय होगा।जुलाई माह पश्चात यज्ञ, हवन, तीर्थ यात्रा आदि में धन का व्यय होगा।

पारिवारिक जीवन:-साढेसाती के आरंभ होने एवं सप्तम भाव में केतु की उपस्थिति के कारण जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद बने रहेंगे। किसी तीसरे पक्षकार की उपस्थिति को लेकर हुए अनावश्यक वहम के कारण घर में कलहपूर्ण वातावरण बना रहेगा। परस्पर मेल मिलाप नहीं रहने से मन दुखी रहेगा। अप्रैल माह पश्चात अविवाहित व्यक्तियों के विवाह के बंधन में बंधने के योग बन सकते हैं। शुभ एवं मांगलिक कार्यों में जाने के अवसर प्राप्त होंगे। भाई बहनों से संबंध मधुर रहेंगे। मित्रों से लाभ प्राप्त नहीं होगा। मित्रों से कोई भी व्यवहार करते समय सावधानी रखना हितकर होगा। प्रत्येक व्यक्ति के प्रति संशय एवं वहम की भावना बनी रहेगी। जिससे प्रत्येक व्यक्ति के साथ संबंध बिगड़ते हुए प्रतीत होंगे।

शिक्षा:- लेखन कार्य की ओर रुझान बढ़ेगा। परीक्षा परिणाम मध्यम रहेंगे। संतान की शिक्षा संबंधी चिंता का निवारण होगा। अध्ययन हेतु दूरस्थ स्थान पर जाना पड़ सकता है। शिक्षा में प्रत्येक परिणाम देरी से प्राप्त होंगे।

प्रेम संबंध:-प्रेम संबंधों को लेकर वर्ष सामान्य रहेगा।अप्रैल माह तक संबंधों में परस्पर मधुरता रहेगी।अप्रैल माह पश्चात अनावश्यक बातों को लेकर झगड़े होते रहेंगे।जून माह पश्चात प्रेम संबंधों के विवाह में परिणति होने के योग बन सकते हैं।

स्वास्थ्य:- श्यया सुख में कमी रहने से थकान महसूस करेंगे। मानसिक चिंताएं ज्यादा रहेगी। जिससे अनिद्रा के रोग से ग्रसित हो सकते हैं। पैर में चोट लग सकती है। वाहन चलाने में सावधानी बरतना हितकर होगा। खानपान में लापरवाही के कारण पेट संबंधी पीड़ा से पीड़ित हो सकते हैं। अनावश्यक भय, भ्रम एवं चिंता से मानसिक पीड़ा महसूस करेंगे।

उपाय:-गुरुवार को ब्राह्मणों, गुरुजनों को पीली मिठाई खिलाएं।

(लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)