नई डेमो ट्रैन या शटल का विस्तार डेगाना तक बढाने की मांग भी उठी

 रेलवे दोहरीकरण के फास्ट ट्रैक मैं आने वाली तकनीकी खामियों को परखा

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील।  रेलवे दोहरीकरण के कार्य की प्रगति व परीक्षण को लेकर गुढा-गोविंदी-फुलेरा मारवाड़ के मध्य रेलवे ट्रैक के इलेक्ट्रीशियन कार्य में आने वाली तमाम तकनीकी समस्याओं को जांचने परखने  के लिए जोधपुर मंडल के डीआरएम व सीआरएस की ओर से लगातार दो दिनों तक गहनता से मौके पर पहुंच कर निरीक्षण किया गया। दोनों अधिकारियों का दौरा गोविंदी मारवाङ से शुरू होकर देर शाम करीब आठ बजे के आसपास गुढा रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। बुधवार को गुढा से फुलेरा और फिर फाइनल परीक्षण गोविंदी मारवाङ से फुलेरा तक हुआ। जानकारी के अनुसार आजादी के समय से ही जोधुपर-भोपाल (14813), भोपाल-जोधपुर (14814) का ठहराव गुढासाल्ट रेलवे-स्टेशन पर होता आया है। 

अंग्रेजों के समय में इस ट्रैन का संचालन आगरा फोर्ट के नाम से पहचाना जाता था। लेकिन कोरोना काल के बाद दो तीन साल से इन दोनों ट्रेनो का ठहराव बंद होने से सैकड़ो मुसाफिरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। यहां के अनेक ग्रामीणों ने बताया कि ठहराव बंद से आवागमन प्रभावित हुआ है, जबकि गुढ़ा साल्ट क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से भी प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है, जहां शाकम्भर झील  के ह्रदय में बसी माता शाकम्भरी का मंदिर झील का शुध्द नमक और एशिया का पहला स्पीड ट्रायल ट्रेक जो आगामी दिनों में विश्व रिकार्ड कें पन्ने पर सुनहरे अक्षरों से इतिहास रचने की ओर अग्रसर है, झील में आने वाले साइबेरियन, फ्लेमिंगो सहित 50 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों को निहारने आने वाले सैलानियों की कमी भी देखने को मिली है। सैकङों सेलानियों और क्षेत्रवासियो का ट्रेन ठहराव बंद से आवागमन प्रभावित होने का दंश गत दो तीन साल से झेल रहे है।

इसके आलावा दो दर्जन से अधिक गांवों व ढाणियों के सैकङों लोग अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए दैनिक रेल यात्रियों और उच्च शिक्षा के लिए गांव से बाहर डेली अपडाउन करने वाले विद्यार्थियों प्रवेश का बुरा असर पड़ा है। जयपुर, नागौर, कुचामन डीडवाना और अजमेर जिले की सीमाओं से सटी झील तथा गांव के अंतिम छोर पर होने से केंद्र और राज्य सरकार के विकास के पहिए का ध्यान इस ओर अभी तक आकृष्ट नही हुआ है। ग्रामीणों की ओर से फुलेरा जयपुर डेली अपडाउन शटल ट्रेन के फेरे का संचालन फुलेरा के स्थान पर सुबह डेगाना से शुरू करने तथा सुबह-शाम मेङता से जयपुर के बीच नई डेमो ट्रेन या  शटल चलाने का डीआरएम से निवेदन किया है। इस दौरान  ट्रायल देखने के लिए स्टेशन पर सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों का हुजूम उमड़ा वहीं डीआरएम को ज्ञापन सौंपने के लिए कई घंटे तक ग्रामीण इंतजार में बैठे रहे।