मौलाना आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान के हित में ऐतिहासिक निर्णय

मौलाना आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान के निदेशक मुजीब अता आजाद के कार्यकाल में मौलाना आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम 2023 का हुआ अनुमोदन

45 वर्षों से विचाराधीन सेवा नियमों का  हुआ अनुमोदन - मुजीब आज़ाद

अरशद शाहीन 

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टोंक। विश्व विख्यात मौलाना आज़ाद अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक (एपीआरआई) के निदेशक आज़ाद ने अपने कार्यकाल में महत्वपूर्ण उपलब्धियां वाले कारनामे अंजाम दिए जिसके लिए उन्हें याद किया जाएगा। मौलाना आजाद अरबी फारसी रिसर्च इंस्टीट्यूट टोंक की स्थापना 1978 में हुई स्थापना से लेकर आज तक संस्थान के लिए जो कार्य किए जाने थे वह अधूरे रहे इस चिंता के साथ निदेशक का कार्यभार मिला जो कार्य स्थापना के वक्त किए जाने थे वह अधूरे थे। ऐसे चुनौती पूर्ण दायित्व को निभाते हुए मुजीब आज़ाद ने निदेशक का पदभार संभालने के एक माह में राज्य सरकार में सचिववालय स्तर पर विचाराधीन चल रहे नियमो उप नियमों तथा संविधान को सरकार के कार्मिक विभाग ने स्वीकृति प्रदान करा कर मौलाना आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम 2023 नए प्रस्तावित सेवा नियमों का अनुमोदन कार्मिक विभाग से करवा कर इन सेवा नियमों को राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर को अग्रिम कार्यवाही के लिए भिजवा दिए हैं। 

मुजीब अता आजाद ने संस्थान के लिए नियमों को स्वीकृत कराकर शोध अधिकारी शोध सहायक कैटालॉगर अनुवादक अरबी एवं फारसी कैलीग्राफिस्ट कनिष्ठ तकनीकी सहायक प्रीजर्वेशन सहायक मेडर कमबाइंडर, मैंनस्क्रिप्टअटेंडेंट माइक्रो फोटो ग्राफिस्ट्, जेरॉक्स ऑपरेटर पुस्तकालयाध्यक्ष, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष, सर्वेयर के पदों पर नियुक्ति का रास्ता खुलवा दिया है।  

मुजीब आजाद ने  संस्थान को शोधार्थियों के लिए 24 घंटे खुले रखने क का उनका फैसला अब तक के पिछले डायरेक्टर से दो कदम आगे बढ़कर है अब तक यह शिकायत चली आ रही थी कि संस्थान शोधार्थियों को समय नहीं देता है इसके अतिरिक्त उन्होंने वित्तीय नियमितताओं के मामलों को स्वच्छता के साथ जांच की और 22 लाख 87000 की राजस्व वसूली कर संस्थान को आर्थिक लाभ पहुंचाने का काम किया।