फायर बर्ड बना जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर का विजेता

पेरुमल मुरुगन का उपन्यास 

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नई दिल्ली। पेरुमल मुरुगन द्वारा तमिल भाषा में रचित और जननी कन्नन द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित तथा पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा प्रकाशित उपन्यास फायर बर्ड को साहित्य के लिए जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर 2023 से नवाजा गया है, जिसके तहत लेखक को 25 लाख रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त अनुवादक को 10 लाख रुपए की धनराशि से सम्मानित किया गया। होटल द ताज महल, नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में, जेसीबी ग्रुप के चेयरमैन लॉर्ड बैमफोर्ड ने वर्चुअल संबोधन द्वारा जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर के विजेताओं की घोषणा की। 

इस मौके पर लॉर्ड बैमफोर्ड की तरफ से जेसीबी इंडिया लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक दीपक शेट्टी ने, एक सुंदर कलाकृति 'मिरर मेल्टिंग', जिसे दिल्ली के दो कलाकारों ठुकराल और टैगरा द्वारा बनाया गया है, लेखक पेरुमल मुरुगन को सम्मान के रूप में प्रदान की गई, जिसे पुस्तक की तमिल प्रकाशक और अंग्रेजी संस्करण की संपादक मानसी सुब्रमण्यम द्वारा प्राप्त किया गया क्योंकि विजेता पुस्तक के लेखक पेरुमल मुरुगन तथा अनुवादक जननी कन्नन किसी कारणवश सम्मान समारोह में उपस्थित नहीं थे। 

पुरस्कार के बारे में बात करते हुए दीपक शेट्टी ने कहा: लॉर्ड बैमफोर्ड द्वारा भारत के प्रति बैमफोर्ड परिवार की प्रतिबद्धता और स्नेह के प्रतीक के रूप में साहित्य के लिए जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर को स्थापित किया गया था। मात्र छह वर्षों की अवधि में, इसने अपनी मौलिकता के कारण साहित्य जगत में अपने लिए एक विशिष्ट जगह बना ली है, जो विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय भाषाओं में लेखन को पुरस्कृत करती है और उनकी सफलता के महोत्सव में शामिल होती है।

साहित्य निदेशक मीता कपूर के मंच पर आने से पहले ही समारोह की शुरुआत दास्तानगोई प्रस्तुति 'दास्तान-ए-अत्तिला' से हुई, जिसकी संकल्पना डॉ. बकुल देव द्वारा आर. के. नारायण की मालगुडी डेज़ की तर्ज पर की गई थी और इसे विनीता दीक्षित तथा सईद आलम द्वारा लिखा गया है। समारोह में इसे प्रस्तुत और निर्देशित किया गया फौजिया दास्तानगो द्वारा।

श्रीनाथ पेरूर: फायर बर्ड में पेरुमल मुरुगन जमीन से जुड़े जीवन की एक सार्वभौमिक कहानी लेते हैं और इसे आश्चर्यजनक विशिष्टता के साथ प्रस्तुत करते हैं। जननी कन्नन अपने अंग्रेजी अनुवाद में, न सिर्फ तमिल भाषा की लय को अंग्रेजी में लाई हैं बल्कि उन्होंने जीवन की लय को ही इसमें पिरो दिया है।

महेश दत्तानी: नई उपजाऊ भूमि की खोज और इस कठिन यात्रा के लिए मजबूर करने वाला पारिवारिक संघर्ष, उसके निष्क्रिय स्वभाव पर काबू पाने के लिए मुथन्नन के दृढ़ प्रयास के साथ शानदार ढंग से मेल खाता है। कहानी भावुकता में डूबी नहीं है या नायक के लिए सहानुभूति नहीं मांगती है। दोनों महिलाओं के पास महत्वपूर्ण नाटकीय उद्देश्य और परिणाम को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त इच्छाशक्ति है। पाती सबसे बेहतरीन दादी-नानी के किरदारों में से एक है, जो मुझे पाथेर पांचाली की याद दिलाती है।

जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर की अब तक की यात्रा की चर्चा करते हुए, साहित्यिक निदेशक मीता कपूर ने कहा: जेसीबी प्राइस फॉर लिटरेचर ने अपनी उत्कृष्टता को बरकरार रखा है और उन साहित्यिक रचनाओं के उत्सव में शामिल है जो हमें अपनी आंतरिक दुनिया, विविध वास्तविकताओं, यादगार पात्रों में खोने के लिए मजबूर कर देती हैं, पुस्तकें जो अद्वितीय और अतुलनीय तरीकों से हमारे देश की सरगम को संरंचित करती है।