अधिकारियों की लापरवाही का नुक़सान किसानों को उठाना पड़ेगा : रामेश्वर चौधरी

 बिसलपुर सिंचाई परियोजना 

अरशद शाहीन 

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टोंक। टोंक क्षेत्र के किसानों को मिल रहा 150 एम एल डी पानी जिससे टोंक, उनियारा उपखंड के किसानों के खेतों तक नही पहुंच रहा पानी। जबकि बांध से 900 एम एल डी पानी छोड़ने की बात बिसलपुर बांध से नहरों में निकासी की बात बोल रहें। परन्तु ऊम गांव के पास तीन दिशाओं में टोंक, बम्बोर एवं बाला जी माइनर (ककोड़) की तरह निकासी स्थल पर 450 एम एल डी पानी पहुँचने पर ही तीनों फिल्डरों में पर्याप्त पानी चल पाता है। परन्तु ऊम फिल्डर पर 150 एम एल डी पानी चल रहा है। जहां पिछेले वर्षों में बांध से पानी निकासी के बाद 3 दिवसों सिंचाई आरम्भ होती थी वहां 8 दिवसों बाद भी सिंचाई आरम्भ नहीं हो सकीं।                        

बांध से नहरों में पानी निकासी तों अच्छी परन्तु अधीक्षण अभियंता विरेन्द्र सागर टेल के किसानों की बात को सुनने के लिए तैयार भी नहीं। यदि टोंक अधीशाषी अभियन्ता टोंक गोपाल गुर्जर तों नहर छोड़ने पर खुश भी नहीं क्योंकि सर्दी भरी रात में घर छोड़ने को विवशता बता रहा है। अवैध पंप करके 2-3 किलोमीटर दूर पानी लेकर जा रहें अनकमांड क्षेत्र को रोकने में असफल अधिकारी जबकि जिला कलेक्टर डाॅ ओमप्रकाश बैरवा ने 19 पुलिस अस्थाई चौकियों की व्यवस्था की थी। पुलिस व्यवस्था एवं सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की गस्त नहीं दिखाई भी दे रहीं , मिट्टी सफाई व्यवस्था नहीं होने के कारण ऊम से फिडर बालाजी (ककोड़ की तरफ़) जाने पानी की स्पीड कम हों रहीं हैं । जिस कारण किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है। इसलिए सफाई व्यवस्था या मिट्टी के अनुसार गेज बढ़ाने की आवश्यकता है।