मुंबई। शरमन जोशी और अन्नू कपूर अभिनीत ‘सब मोह माया है’ 18 नवंबर को शाम 7 बजे सबसे पहले टीवी पर सिर्फ ज़ी अनमोल सिनेमा पर दस्तक देने जा रही है। अभिनव पारीक के निर्देशन में बनी उनकी पहली फिल्म में एक ऐसी कहानी है, जो सबको सोचने पर मजबूर कर देती है और कलाकारों की बेमिसाल अदाकारी के साथ दर्शकों को बांधे रखने का वादा करती है। ‘सब मोह माया है’ एक दिलचस्प फिल्म है, जो परिवार, रिश्तों ओर सपनों की खोज का सफर दिखाती है। यह फिल्म ख्वाहिशों की उलझनों, जिम्मेदारियों और उस त्याग की गहराई में झांकती है, जिसे लोग अपनों के लिए करने को तैयार रहते हैं।
यह फिल्म रामनरेश मिश्रा और उनके बेटे पियूष की दिल छू लेने वाली कहानी है, जो उज्जैन की ऐतिहासिक नगरी में रहते हैं। रामनरेश मिश्रा जिलाधिकारी कार्यालय में काम करने वाले एक गरीब चपरासी हैं, जो जल्द ही सेवानिवृत होने वाले हैं। रामनरेश मिश्रा का किरदार प्रतिभाशाली कलाकार अन्नू कपूर ने निभाया है। एक निम्नमध्यम वर्गीय आदमी होने के नाते उनका पारिवारिक मकान ही उनकी एकमात्र संपत्ति है। नौकरी को लेकर पियूष की उम्मीदों के चलते बाप-बेटे के बीच हमेशा खटपट होती रहती है। मिश्रा जी, पियूष के एक सरकारी नौकरी हासिल ना कर पाने का दोष अपनी गरीबी पर मढ़ते हैं जबकि पियूष इसके लिए आरक्षण को जिम्मेदार ठहराता है। अपना बेहतर भविष्य बनाने की ख्वाहिश में पियूष अपने पिता के सामने एक चौंकाने वाला प्रस्ताव रखता है। वो सुझाव देता है कि रामनरेश मिश्रा को अपने रिटायरमेंट से पहले मर जाना चाहिए ताकि पियूष को अनुकंपा योजना के अंतर्गत सरकारी नौकरी मिल सके।
हालांकि इस समझौते के दौरान पियूष में एक उल्लेखनीय परिवर्तन आता है। वो अपनी जिम्मेदारियां निभाने लगता है और फिर वो किसी भी कीमत पर अपने पिता को खोना नहीं चाहता।
शरमन जोशी बताते हैं, “सब मोह माया है एक खास फिल्म है जो ज़िंदगी की उलझनें, ख्वाहिशें और एक बाप-बेटे का अटूट रिश्ता दिखाती है। मेरा अपना सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा और यह फिल्म निजी तौर पर मुझसे जुड़ गई। इस फिल्म ने मुझे उन कुर्बानियों का एहसास कराया, जो हम अपने सपनों को पूरा करने और इसके साथ आने वालीं जिम्मेदारियां को निभाने के लिए करते हैं। अन्नू कपूर और अभिनव पारीक के साथ काम करना बेहद खास अनुभव था। अनु सर के मार्गदर्शन और अभिनव के नज़रिए ने हमारी अदाकारी में गहराई पैदा कर दी। यह फिल्म पारिवारिक रिश्तों की अटूट ताकत की एक मिसाल है और कैसे यही रिश्ते हमारी जिंदगी बनाते हैं।”
अन्नू कपूर ने कहा, "सब मोह माया है में काम करना मेरे लिए एक बेहद निजी सफर रहा। यह फिल्म इंसानी रिश्तों की गहराई तक जाती है।यह आपकी हसरतों और आपके परिवार के बीच एक बढ़िया संतुलन बनाती है। रामनरेश मिश्रा का किरदार ज़िंदगी के रोजमर्रा के संघर्षों में उलझा हुआ है, जो अपने बेटे की सफलता और खुशी चाहता है, जैसे हर पिता की ख्वाहिश होती है। अपने किरदार पियूष के प्रति शरमन जोशी की लगन भी बेमिसाल थी, जिसने निश्चित तौर पर पर्दे पर हमारे रिश्तों में गहराई जोड़ दी। ऐसे प्रतिभाशाली कलाकारों के साथ काम करना बेहद खुशनुमा अनुभव रहा। हालांकि यह बतौर निर्देशक अभिनव पारीक की पहली फिल्म है, लेकिन उन्होंने जिस तरह की फिल्म बनाई है वो बहुत शानदार है और ऐसे अनोखे विचार के लिए वो तारीफ के हकदार हैं। उन्होंने बड़ी सहजता से कहानी की सच्ची भावना को प्रस्तुत किया।"