रूस के कलाकार टोंक के ऐतिहासिक स्थलों का करेंगे चित्रण

अंतर्राष्ट्रीय कला कार्यशाला "आर्टइको 2023" टोंक में 26 से 28 अक्टूबर तक

अरशद शाहीन 

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टोंक। कलात्मक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के इस उत्सव में, 5 विदेशी और भारतीय कलाकार, अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक-सांस्कृतिक कला परियोजना "आर्टईको" में भाग लेने के लिए टोंक में एकत्रित होगे कार्यशालाओं और एक प्रदर्शनी से युक्त यह तीन दिवसीय प्रयास, वैश्विक मंच पर भारतीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने में कला की शक्ति का एक प्रमाण है। परियोजना के मुख्य आकर्षण के रूप में, ये प्रतिभाशाली कलाकार अपने काम का लाइव प्रदर्शन करेंगे, टोंक जिले के निजी विद्यालयों में जाकर बच्चों की कला कार्य देखकर चर्चा और डेमो भी देगें 

जिसका समापन 28 अक्टूबर को एक भव्य प्रदर्शनी में होगा। कलाकारों की प्रतिष्ठित सूची में पांच रुसी  कलाकार सेरगे खावालोव ,क्ज़ेनिआ द्रोज़्द, यूजीनि लोबानोव , ओल्गा लेवचेंको और अक्सेंटिव सर्गेई। भारत से  ग़ज़ल प्रताप और श्रेयांसी मनु जैसे प्रसिद्ध कलाकार सम्मलित  हैं।

टोंक में कार्यक्रम के स्थानीय समन्वयक,  महेश गुर्जर ने कहा कि "आर्टईको" एक अद्वितीय सांस्कृतिक उत्सव है, जिसमें अन्तरराष्ट्रीय कलाकारों की भागीदारी शामिल है और यह इस कार्यक्रम की वैश्विक अपील को रेखांकित करता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "आर्टईको" न केवल कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक मंच के रूप में बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करता है. इसके साथ  उन्होंने पारिस्थितिक और विरासत संरक्षण दोनों के प्रति समर्पण के लिए कलाकारों की सराहना की। 

इस कार्यक्रम के सह-आयोजक श्रेयांसी इंटरनेशनल आर्ट एंड कल्चर ऑर्गनाइजेशन की प्रबंध निदेशक श्रेयांसी सिंह मनु का मानना ​​है कि "आर्टईको" में इस क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम बनने की क्षमता है, जो जीवन के सभी क्षेत्रों से कला प्रेमियों और पारखी लोगों को आकर्षित करेगा, उन्हों ने छात्रों और युवाओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कला के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए परियोजना के मिशन को व्यक्त किया।  कार्यशाला के आने वाले दिनों में कलाकार टोंक ऐतिहासिक स्मारकों पर और खुले में पेन्टिंग कार्यशाला के साथ, फ्री हैंड लाइव पेंटिंग भी करेंगे.

टोंक में कार्यक्रम के स्थानीय समन्वयक, महेश गुर्जर ने कहा कि "आर्टईको" एक अद्वितीय सांस्कृतिक उत्सव है, जिसमें अन्तरराष्ट्रीय कलाकारों की भागीदारी शामिल है और यह इस कार्यक्रम की वैश्विक अपील को रेखांकित करता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "आर्टईको" न केवल कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक मंच के रूप में बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करता है. इसके साथ उन्होंने पारिस्थितिक और विरासत संरक्षण दोनों के प्रति समर्पण के लिए कलाकारों की सराहना की।