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मनोहरपुर (जयपुर) । हजरत सूफी मोइनुद्दीन जिलानी सीकर वाले पीर साहेब ने अपने मुरीदो के साथ हजरत शेख बुरहानुद्दीन चिश्ती रह. अलेह ताला गांव के आस्ताने पर चादर और अकीदत के फूल पेश किए और सभी के लिए दुआ ए खैर की।
सूफी मोइनुद्दीन जिलानी ने कहा कि "निगाहें वली में वो तासीर देखी बदलती हुई रोज हजारों की तक़दीर देखी", उन्होंने कहा कि वली एक ट्रांसफॉर्मर रूपी होता हैं जो भी इनसे जुड़ता हैं रोशन हो जाता हैं और जो इनसे टकराता हैं व चकनाचुर हो जाता हैं। महबूब ए आलम ने कहा कि "हद तपे सो औलिया बेहद तपे सो पीर हद बेहद दोनों तपे ताको नाम फ़क़ीर"! अब्दुल रज्जाक खान ने कहा कि "इरादे रोज बनकर टूट जाते हैं ताला में वही आते हैं जिन्हें बाबा बुलाते हैं"
उल्लेखनीय कि हजरत बुर्रहानुद्दीन चिश्ती रहमतुल्ला आलेह का वार्षिक उर्स 2 अक्टूबर सोमवार से शुरू होगा जो की 3 अक्टूबर मंगलवार को कूल की रस्म के साथ में विधिवत संपन्न होगा! रेलवे के ऑफिसर अनवर खान शेख़ ये जानकारी दी हैं।