जयपुर। अच्छी कैलीग्राफी के लिए हाथ के साथ साथ आंखों और दिमाग को संतुलित रखने की आवश्यकता होती है। कैलीग्राफी एक ऐसी खूबसूरत कला है जो कि लुप्त होने के कगार पर है। इस कला को संरक्षित और प्रमोट करने की जरूरत है ताकि तकनीक के इस दौर में आने वाली पीढ़ी इस अनोखी कला से जुड़ी रहे। इसी प्रयास में कोशिश फ़ाउंडेशन और जयपुर इंटरनेशनल आर्ट एण्ड कैलीग्राफ़ी फ़ैस्टिवल के बैनर तले कैलीग्राफी आर्ट (खत्ताती) को संरक्षित करने तथा इसके प्रचार - प्रसार हेतु एक कैलीग्राफी वर्कशॉप राजस्थान उर्दू अकादमी और रवीन्द्र मंच के सहयोग से रवीन्द्र मंच (जयपुर) में 22 अक्टूबर 2023 को आयोजित की गई।
इस वर्कशॉप में प्रतिभागियों को कैलीग्राफी के मूलभूत सिद्धांतों और नियमों के विषय में जानकारी दी गई। इसके साथ साथ कैलीग्राफी बच्चों के करियर और जीविकोपार्जन में किस तरह सहायक हो सकती है, इस विषय पर भी जानकारी प्रदान की गई।
इस वर्कशॉप में इंग्लिश, हिंदी, उर्दू और अरबी भाषाओं के सेशन रखे गए। टोंक के मौलाना आज़ाद अरबी फारसी संस्थान के सेवा निवृत खत्तात खुर्शीद अहमद ने बच्चो को अरबी और उर्दू कैलीग्राफी के गुर सिखाए। जबकि हिंदी और अंग्रेज़ी भाषाओं के सेशन क्रमश: जयपुर के मशहूर कैलिग्राफी आर्टिस्ट हरिशंकर बालोठिया और सेंट ज़ेवियर्स स्कूल के मास्टर कैलिग्राफर मेल्विन कैस्टिलीनो ने लिए। इस वर्क शॉप में चौदह वर्ष से अधिक उम्र के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। बच्चों ने इस विधा के प्रति काफी उत्साह दिखाया। इस आयोजन में इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ इंटीरियर डिजाइनर्स (जयपुर चैप्टर) ने विशेष सहयोग दिया।
जयपुर इंटरनेशनल आर्ट एंड कैलीग्राफी फेस्टिवल के फ़ाउन्डर डायरेक्टर मोहम्मद रज़ा जयपुरी और कोशिश फाउंडेशन की जनरल सेक्रेट्री श्रीमति कनीज़ भट्टी ने वर्कशॉप में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।