टोंक में पहली बार आयोजित होगा टोंक लिटरेचर फेस्टिवल

साहित्य का महाकुम्भ !


अरशद शाहीन 

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टोंक। इल्म- ओ- अदब, शायराना तमीज और तहजीब के मामले में आला मकाम रखने वाले टोंक शहर में जल्द ही टोंक लिटरेचर फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है। अपने साहित्यिक नवाचारों को लेकर अखिल भारतीय स्तर पर ख्यातनाम साहित्यकार तथा जिले के अति. जिला कलेक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी इस फेस्टिवल के प्रणेता हैं। साहित्य का यह महाकुंभ जिले भर के साहित्य अनुरागियों के समन्वित प्रयासों से विश्व प्रसिद्ध अरबी फारसी शोध संस्थान में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश की अदबी शख्सियात और साहित्य के सितारों से टोंक के लोगों को रूबरू होने का यादगार मौका हासिल होगा। 

दो दिवसीय फेस्टिवल में भारतीय साहित्य जगत के  दिग्गजों को एक ही मंच पर जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों तथा कला प्रदर्शनों के साथ उभरते लेखकों को फेस्टिवल में अपनी कृतियों को पेश करने का मौका भी मिलेगा। फेस्टिवल को स्वरूप राष्ट्रीय स्तर का होगा, जिसमें टॉक शो, कलात्मक चित्र प्रदर्शनी, गीत, संगीत व नृत्य के साथ मुशायरा और कवि सम्मेलन सरीखी अनमोल विरासत भी शिद्दत से नुमायां होंगी। इसके अलावा टोंक के अदीबों, लेखकों, साहित्य साधकों व कलमकारों को राष्ट्रीय स्तर के दिवंगत ख्यातिलब्ध साहित्यकारों के नाम से अवार्ड भी दिए जाएंगे। 

साहित्य से जुड़े सुरेश बुंदेल ने बताया कि इस फेस्टिवल का मकसद नई पीढ़ी को अपनी साहित्यिक विरासत को समझाने के साथ उन दीगर हजरात को खिराजे- अकीदत पेश करना है, जिन्होंने नशस्ते- अल्फाज से अपने जज्बे से कलबी वारदात की पेशखानी की है और जिन्होंने अपनी सनअत के जरिए अदबी मुशाहदात के फर्ज को बखूबी पूरा किया है।