सांभर में विधायक कोष से बने सुलभ शौचालय की दुर्दशा

पानी की सुविधा और साफ सफाई का अभाव 

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। विधायक कोष से निर्मित करवाए गए सांभर के पांच बत्ती चौराहे के उत्तर दिशा की तरफ सुलभ शौचालय अब आम उपयोग के लिए दुर्लभ शौचालय बन चुका है। पुरुष और स्त्रियों के लिए दो खंडों में बने पुरुष शौचालय के ताला हमेशा ही लटका मिलता है, अब इसका उपयोग मात्र पेशाब घर के रूप में ही हो रहा है। करीब पांच लाख रुपए खर्च होने के बाद भी यहां पर हाथ धोने की सुविधा नहीं है। वाशपेशन में लगी टोंटी टूटी पड़ी है। जल कनेक्शन की कोई व्यवस्था नहीं है। 

बताया जा रहा है कि कई महीनो से सुलभ शौचालय की न तो कोई धुलाई की गई है और न ही साफ सफाई का कोई इंतजाम दिखाई दे रहा है। सुलभ शौचालय में शराब की बोतलें रखी हुई है, इससे भी सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर साफ सफाई का कितना ख्याल रखा जाता है। पेशाब घर के तल में गुटके के खाली पाउच पड़े हुए हैं और लोगों की पीक से आधे से ज्यादा लाल हो रहा है। यहां पर लगी टाईल्स उखड़ रही है। अंदर लाइट का कोई इंतजाम नहीं है। 

पृथ्वीराज सर्किल से लेकर तेली दरवाजा तक अन्य और दूसरा कोई सुलभ शौचालय नहीं है जनप्रतिनिधियों की भी इसमें कोई रुचि दिखाई नहीं दे रही है। इसी प्रकार पृथ्वीराज सर्किल पर भी बने पेशाब घर भी साफ सफाई के अभाव में सड़ रहा है। इनके ऊपर रखी पानी की टंकी आज तक कभी भरी नहीं गई है केवल दिखाने के लिए रख दी गई है। तेली दरवाजा रोड के अंतिम छोर पर बने पेशाब घर के हाल तो सबसे ज्यादा खराब है। इसके ऊपर लटका बिजली का ट्रांसफार्मर से भी लोगों को डर बना रहता है। सराय स्कूल की पास से जाने वाले रास्ते पर बना पेशाब घर, पुरानी धान मंडी, पुरानी तहसील, सब्जी मंडी के नजदीक तमाम पेशाब घरों की स्थिति बदतर बनी हुई है। 

नेता प्रतिपक्ष अनिल कुमार गट्टानी का कहना है कि वाकई में यह तो एक बहुत बड़ी गंभीर समस्या है, बाहर से आने वाली महिलाओं के लिए सुविधा समुचित नहीं है। जिम्मेदार विभाग के लिए यह शर्मसार विषय है कि वे अपनी जिम्मेदारी ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं। अनेक दफा हमारी ओर से इसके लिए ध्यान भी आकर्षित करवाया जा चुका है, इसके लिए  ठोस कदम उठाए जाएंगे।