सांभर के बजाय दूदू को जिला बनाने के फैसले पर हो पुनर्विचार

कमेटी के अध्यक्ष रामलुभाया की सिफारिश के बिना ही ग्राम पंचायत को दिया जिले का दर्जा

राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे व पूर्व सांसद राहुल गांधी को भेजा पत्र

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। राजस्व विभाग के पूर्व लिपिक शैलेश माथुर ने पूर्व सांसद राहुल गांधी व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को शुक्रवार को पत्र प्रेषित कर प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत द्वारा सांभर के बजाय दूदू को जिला घोषित करने के हेतु लिए गए नीतिगत फैसले पर पुनर्विचार बाबत अनुरोध किया है। 

पत्र में बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा प्रदेश के सबसे पुराने उपखंड सांभर को गौण कर ग्राम पंचायत दूदू को जिले का दर्जा देने से संपूर्ण राजस्थान में ही नहीं अपितु देश भर में एक चर्चित सब्जेक्ट बन गया है, यह देश का पहला एकमात्र उदाहरण है। इसके लिए स्थिति स्पष्ट करना जरूरी हो गया है कि दूदू ग्राम पंचायत नवीन जिले के संदर्भ में भौगोलिक, प्रशासनिक राजस्व की दृष्टि से अनुकूल नहीं है।

नवीन जिला के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष रामलुभाया व अब तक जितने भी कमेटी के अध्यक्ष आज तक सरकार की ओर से नियुक्त हुए हैं उन्होंने कभी भी दूदू को जिला बनाने के लिए सिफारिश नहीं की तथा दूदू को जिला बनाने के संबंध में आज तक कभी भी जिले की कोई मांग दूदू ग्राम पंचायत के क्षेत्रवासियों की ओर से नहीं की गई और ना ही कभी कोई आंदोलन हुआ, और ना ही सरकार के रिकॉर्ड में ऐसा कोई दस्तावेजी साक्ष्य मौजूद है बल्कि राजनीति दबाव के चलते यह सीधी सौगात ग्राम पंचायत दूदू को प्रदान कर दी गई जिसका जबरदस्त विरोध व जन आंदोलन करते हुए क्षेत्र के लोगों ने दूदू में सम्मिलित नहीं होने के लिए सरकार को अपना रुख भी स्पष्ट कर दिया, जिसमें प्रमुख रुप से सांभर, फुलेरा, जोबनेर, किशनगढ़ रेनवाल, माधोराजपुरा के जनप्रतिनिधियों व आम जनता की और से लिखित आपत्ति, शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों के मार्फत व सीधे सरकार तक भी पहुंचाई गई हैं तथा कमेटी के अध्यक्ष  रामलुभाया, दूदू में नियुक्त विशेषाधिकारी (आईएएस अफसर) अर्तिका शुक्ला को भी प्रस्तुत कर ठोस प्रामाणिक आधारों के साथ आपत्तियां दर्ज कराई जा चुकी है। 

ग्राम पंचायत दूदू को जिला बनाने का विरोध क्षेत्र की अन्य विधानसभा क्षेत्रों से भी प्रबल तरीके से वर्तमान में भी जारी है तथा फुलेरा विधानसभा क्षेत्र से भी इसका जबरदस्त विरोध हो रहा है, क्योंकि फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में शामिल प्रदेश का सबसे पुराना उपखंड मुख्यालय जिसे पहले से ही वर्ष 1952 से उप जिला का दर्जा प्राप्त है। जिले का समुचित आधार भौगोलिक स्थिति प्रशासनिक ढांचा राजस्व की दृष्टि से ठोस मजबूत स्थिति होने के बावजूद सांभर को जिले का दर्जा प्रदान नहीं कर ग्राम पंचायत दूदू को जिला घोषित कर फुलेरा विधानसभा क्षेत्र के लाखों लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। दूदू ग्राम पंचायत वर्ष 1995 के बाद से सांभर उपखंड से  पृथक होकर अलग से अस्तित्व में आई थी, जिसे आज भी ग्राम पंचायत का दर्जा प्राप्त है।

गांधी और खड़गे को भेजे पत्र में यह भी बताया कि जिला के लिए बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष  रामलुभाया व विगत वर्षों में नियुक्त कमेटी के अध्यक्ष रहे परमेश चंद्र व जीएस संधू की जिला के लिए की गई सिफारिश में शामिल नहीं रहा है तथा ग्राम पंचायत दूदू कभी भी जिले के लिए आज तक विचाराधीन नहीं रहा है , बल्कि उप जिला सांभर जिले के लिए डिजर्व करता है। फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में भारी विरोध होने के बावजूद प्रदेश के मुखिया की ओर से लिए गए फैसले पर कोई पुनर्विचार नहीं किया जा रहा है जिससे क्षेत्र की जनता में भारी असंतोष व्याप्त है। सांभर झील जिला जयपुर की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लवणीय झील वेटलैंड के रूप में विश्व विख्यात है। नम भूमि का दर्जा प्राप्त सांभर झील नगरी को वर्तमान में पर्यटन का दर्जा प्राप्त है। 

हिंदुस्तान सांभर साल्ट का उपक्रम सांभर में ही है जो कि नमक नगरी के नाम से भी जाना जाता है। सांभर का इतिहास अति प्राचीन है। महाभारत, ब्रह्मवैवर्त पुराण आदि धार्मिक ग्रंथों में भी सांभर का उल्लेख पठन योग्य है। अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की राजधानी, मुगल शासक अकबर की वैवाहिक स्थली, जहांगीर का ननिहाल, संत दादू दयाल की तपोभूमि, अजमेर ख्वाजा साहब के पोते की दरगाह, दैत्य गुरु शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी के नाम से विख्यात तीर्थ स्थल सभी तीर्थों के नानी के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा चौहान शासकों की कुलदेवी मां शाकंभरी का प्राचीन मंदिर संपूर्ण राजस्थान में प्रसिद्ध है। इन तमाम तथ्यों के आधार पर दूदू ग्राम पंचायत को जिले के लिए गए फैसले पर पुनर्विचार करते हुए सांभर उप जिला को जिला का दर्जा घोषित किए जाने हेतु प्रदेश के मुखिया को दिशा निर्देश प्रदान किया जाए।