विस्फोटक पदार्थ रखने के आरोप से अभियुक्त को किया दोषमुक्त

21 वर्ष पुराने मामले में एडीजे सांभर ने दिया फैसला

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। अपर सैशन न्यायाधीश क्रम संख्या 1 बृजेश कुमार ने विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4/5 के आरोप में संदेह का लाभ देते हुए 21 वर्ष पुराने मामले में अभियुक्त को दोष मुक्त करने के आदेश दिए। मामले में अनुसंधान अधिकारी, अभियोजन की स्वीकृति प्रदान करने वाले जिला मजिस्ट्रेट, उप विस्फोटक नियंत्रक की साक्ष्य के अभाव में अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असफल रहा कि "27 नवंबर 2002 को करीब 4:30 बजे ग्राम खेड़ीराम रोड पर अभियुक्त के कब्जे में बिना नंबर के ट्रैक्टर के पीछे लगे कंप्रेशन मशीन में ऊपर बने बॉक्स में बारूद की 65 जिलेटिन की छड़े पाए जाने पर उसे बरामद किया गया था।" 

जिसको अपने पास रखने का अभियुक्त के पास कोई वैद्य अनुज्ञा पत्र नहीं था। प्रकरण के अनुसार पुलिस थाना फुलेरा द्वारा गश्त के दौरान काचरोदा पहुंचने पर मुखबिर से सूचना के आधार पर कुड़ियों की ढाणी के रहने वाले आरोपी से ट्रैक्टर के पीछे कंप्रेशर मशीन के ऊपर लोहे का ताला खुलवाने पर एक प्लास्टिक के कट्टे में 65 बारूद की जिलेटिन छड़े मिली थी। पुलिस थाना फुलेरा ने इस मामले में आरोप पत्र तैयार कर निचली अदालत में पेश किया था जिसके आधार पर अभियुक्त के विरुद्ध उक्त अपराध का प्रसंज्ञान लिया जाकर प्रकरण को एडीजे कोर्ट में सुनवाई हेतु भिजवाया गया। 

इस मामले में अभियुक्त के अधिवक्ता लालचंद कुमावत ने न्यायालय को बताया कि रासायनिक विशेषज्ञ की जांच पत्रावली पर मौजूद नहीं है। अभियोजन स्वीकृति जारी करने वाले जिला मजिस्ट्रेट को अभियोजन पक्ष द्वारा साक्ष्य में परीक्षित नहीं कराया गया है तथा जो भी गवाह है वे सभी पुलिस कर्मचारी हैं। अभियोजन पक्ष भी अपना पक्ष रखने में असफल रहा है इसलिए अभियुक्त को उक्त आरोप से दोषमुक्त किया जाए। 

न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस, व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर संदेह का लाभ देते हुए रुपाराम पुत्र मांगूराम जाट निवासी कुड़ियों की ढाणी तन आकोदा थाना फुलेरा जिला जयपुर को दोषमुक्त करने के आदेश दिए।